5 अगस्त डेयरी संचालक को ठगा 5 अगस्त को दुर्गा विहार कॉलोनी निवासी डेयरी संचालक दीवान सिंह तोमर पैदल संत कृपाल सिंह के आश्रम जा रहे थे, तभी दो ठगों ने उन्हें रोका और उनसे कहा कि वह बहोड़ापुर थाने के एएसआई शर्मा हैं, आगे नशेडिय़ों ने वारदात कर दी है, इसलिए सोने की चेन और अंगूठी उतारकर अपने पास रख लें। तभी एक और व्यक्ति को उन्होंने रोककर चेन अंगूठी उतरवा ली, वो उनके गिरोह का ही था। इस बात से अंजान दीवान सिंह ने भी चेन अंगूठी उतार दी। तभी ठगों ने एक कागज निकाला और उनसे जेवर लेकर उसमें रखकर दीवान को दे दिए, घर जाकर दीवान ने पुडिय़ा खोली तो उसमें पत्थर निकले।
26 अगस्त : रास्ता पूछा और ठग लिया सोमवार 26 अगस्त को पिनाहट निवासी पुष्पा देवी पत्नी रूस्तम सिंह हजीरा अपने भाई सोनू तोमर के बेटे के दष्टोन कार्यक्रम में शामिल होने ग्वालियर आई थीं। इंटक मैदान के पास ठग मिला और उसने मुरैना का रास्ता पूछा। वह कुछ समझ पातीं उससे पहले ही उसका दूसरा साथी आ गया। वह 10 रुपए उसे देकर बोला बस से चले जाओ। फिर बोला अम्मा यह मेरा दोस्त है, इसके साथ धोखा हुआ है। जहां यह नाौकरी करता है, वहां के मैनेजर ने इसे भडक़ा कर सेठ की तिजोरी से 2.50 लाख रुपए निकलवा लिए हैं। अब इसका जीवन खतरे में है। अगर तुम यह पैसा लेकर अपने जेवर दे दो तो यह बच जाएगा। उन्होंने नोटों की गड्डी दिखाई, जिसमें ऊपर 500 का नोट था। महिला लालच में आ गई और अपने जेवर उतारकर उन्हें दे दिए। इसके बाद ठग चले गए। बाद में महिला ने गड्डी खोली तो उसमें कागज के टुकड़े निकले।
गिरोह के सदस्य को राहगीर बनकर ठगते ठग गिरोह काफी शातिर है। लोगों को विश्वास में लेने के लिए वह अपने साथी को राहगीर बनाकर खड़ा कर देते। फिर अंजान बनकर उसे गहने उतारने को कहते। वह उनकी बात मानकर इनके सामने गहने उतार देता। जिस व्यक्ति को ठग रहे होते वह समझता कि जब इस अंजान व्यक्ति ने गहने उतार दिए तो वह भी उतार देता। ठग झट से रूमाल या कागज निकालकर उसमें गहने रखने का नाटक करते, लेकिन उस रूमाल या कागज को बदलकर दूसरा रूमाल या कागज पकड़ा देते। जब ठगी का शिकार व्यक्ति घर जाकर पुडिय़ा खोलता तो उसमें पत्थर निकलते।
बुजुर्ग टारगेट पर
ठग बुजुर्ग महिला या पुरुष को अधिकांश टारगेट करते हैं। उन्हें पता रहता है कि यह आसानी से डर जाएंगे या लालच में आ जाएंगे। कभी पुलिसकर्मी बनकर उन्हें रोककर डर दिखाते तो कभी नोटों की गड्डी दिखाकर ठग लेते। जब बुजुर्ग घर पहुंचते तब ठगी का पता चलता।
यह सावधानी बरतें
रास्ते में कोई अंजान व्यक्ति रोककर कहे कि वह पुलिसवाला है तो उसकी बातों में न आएं।
अगर वह वारदात का डर दिखाकर गहने उतरवाने को कहे तो नहीं उतारें।
अंजान व्यक्ति नोटों की गड्डी दिखाकर मजबूरी बताकर गहने देने को कहे तो लालच में न आएं।
संदेह या शंका होने पर तुरंत पास के पुलिस थाने या आसपास मौजूद पुलिसवालों को बताएं।