अब ज्यादा समय बिताने को मिल रहा
एनीमल कीपर अशोक बताते हैं, कोरोना महामारी के दौरान जब चिडिय़ाघर बंद है तब से टाइगरों के साथ ज्यादा समय बिताने को मिल रहा है। पहले सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो जाता था इसलिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता था। सुबह 8 बजे से टाइगर मेरे इंतजार में रहते हैं, जैसे ही मुझे देखते है तो पिंजरे के पास आ जाते हैं। सुबह नाश्ता देने के बाद पिंजरे से बाहर छोड़ दिया जाता है। टाइगर फिर मस्ती करते हैं और पानी में नहाते हैं। अब एक दूसरे पर हमला नहीं करते हैं पूरे समय मस्ती के मूड में दिखते हैं। दोपहर में खाना खाकर आराम से कुछ देर के लिए नींद लेते हैं। पहले दोपहर में लोगों का आना-जाना लगा रहता था इसलिए नींद नहीं ले पाते थे। शाम को भोजन देकर वापस में पिंजरे में बंद कर दिया जाता है।
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
टाइगर सहित अन्य वन्य प्राणी का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। बाहर से आने वाले सभी का प्रवेश बंद है सिर्फ स्टॉफ को अंदर आने की स्वीकृति की है। सेनेटाइज करने के बाद ही वन्यप्राणियों के पिंजरे में जाते है। उनके पिंजरों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अशोक का कहना है, भगवान की कृपा है कि कोरोना माहमारी में हमारे सभी जानवर सुरक्षित और स्वस्थ्य हैं।
वर्तमान में हैं चिडिय़ाघर में छह टाइगर
गंाधी प्राणी उद्यान में चिडिय़ाघर में वर्तमान में छह टाइगर है। जिसमें चार मेल और दो फीमेल टाइगर है। तीन व्हाइट और तीन येलो टाइगर है। इन सब के नाम भी है। इनको लव, शेरा, शिवा, सुल्तान, मीरा और दुर्गा के नाम से बुलाते हैं।