कुल का छींटा के साथ पेश की तोमर व सिंधिया की चादरें
- हजरत ख्वाजा खानून की दरगाह पर मुईनउद्दीन चिश्ती के तीन दिवसीय उर्स का समापन

ग्वालियर. सूफी संतों ने देश को प्रेम भाईचारा और अमनो-अमान का पैगाम दिया है। बुराई का बदला नेकी से और दुश्मनी का बदला दोस्ती से देकर हम समाज में सद्भाव बनाए रख सकते हैं। उक्त उद्गार दरगाह हजरत ख्वाजा खानून के सज्जादानशीन राशिद खानूनी ने व्यक्त किए। वे ख्वाजा खानून की दरगाह पर आयोजित मोईनुद्दीन चिश्ती के 808वें उर्स समापन अवसर पर जायरीनों को संबोधित कर रहे थे। इसके पूर्व सुबह उर्स में संदल पोशी होकर सलाम व शजरा ख्वानी हुई। बाद में नमाज समाखाने में कव्वाली की मजलिश हुई। इसमें सलीम झंकार, फरीद खानूनी और साथियों ने रंग और कौल पढ़ा। उर्स का समापन अजमेर शरीफ से आई चादर पेशकर कुल के छींटे के साथ हुआ। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से अजमेर के लिए चादरें पेश की गईं। इस मौके पर सैयद जियादल हसन और आगरा, इंदौर, रीवा, झांसी, भोपाल के जायरीनों ने चादरें पेश कीं। कार्यक्रम में साडा के पूर्व अध्यक्ष राकेश जादौन, अशोक जादौन, जितेन्द्र जादौन, शफीक खान, हाफिज मुकीम खां, नीरेश जैन आदि मौजूद थे। दरगाह पर हलवा-पराठें और बालूशाही की दुकानें आकर्षण का केन्द्र रहीं।
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