प्रदेश पुलिस के रिकार्ड के मुताबिक जनवरी महीने में ग्वालियर रेंज में मवेशी चोरी की 12 शिकायतें दर्ज की गईं। सबसे ज्यादा मामले देहाती इलाके में सामने आए। मवेशी मालिकों का कहना था उनके जानवरों को चोर या तो खूंटे से खोल ले गए या फिर चराते वक्त हांका गया है।
फरवरी में मवेशी चोरी की गिनती कुछ कम तो हुई लेकिन पूरी तरह नहीं थमी। इस महीने में चोरों ने 8 जानवरों को चुराया। जबकि प्रदेश के बाकी जिलों में यह गिनती कम रही। पुलिस का कहना है ग्वालियर और चंबल अंचल में मवेशी चोरी अपराधियों का धंधा साबित हो रही है। इंसानों की तरह मवेशी चोर जानवरों को अगवा कर उन्हें मालिकों को वापस लौटाने के बदले फिरौती तक वसूल रहे हैँ। देहाती भाषा में इसे पनिहाई कहते हैं।
चोरी के बाद बदलते मवेशियों का हुलिया
चोरी के बाद बदलते मवेशियों का हुलिया
पुलिस मानती है अंचल में मवेशी चोर सक्रिय हैं। इस अपराध को पेशवर अंदाज में अंजाम दिया जाता है। चुराए हुए मवेशियों की पहचान नहीं हो इसलिए मवेशी चोर उनका हुलिया ओर रंग तक बदलते हैं। खासकर दुधारू पशुओं की चोरी ज्यादा होती है। चोर उनके सींग काटकर पहचान छिपाने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा सीगों और खाल का रंग भी बदलने की कोशिश की जाती है।
यह है आंकडा
यह है आंकडा
जनवरी- ग्वालियर 12, चंबल 10, भोपाल 5, बालाघाट 1, नर्मदापुरम 3, इंदौर 1, खरगोन 9, छिंदवाडा 1, जबलपुर 3, रीवा 10, छतपुर 1, सागर 5, शहडोल 4, रतलाम 2 और उज्जैन में 5 मवेशी चोरी हुए हैं।
फरवरी में - ग्वालियर 08, चंबल 3, भोपाल 5, बालाघाट 1, नर्मदापुरम 1, इंदौर 8, खरगोन 2, छिंदवाडा 0, जबलपुर 0, रीवा 5, छतरपुर 1, सागर 2, शहडोल 6 , रतलाम 0 और उज्जैन में मवेशी चोरी का 1 मामला दर्ज हुआ है।
फरवरी में - ग्वालियर 08, चंबल 3, भोपाल 5, बालाघाट 1, नर्मदापुरम 1, इंदौर 8, खरगोन 2, छिंदवाडा 0, जबलपुर 0, रीवा 5, छतरपुर 1, सागर 2, शहडोल 6 , रतलाम 0 और उज्जैन में मवेशी चोरी का 1 मामला दर्ज हुआ है।
रिकार्ड के मुताबिक प्रदेश में जनवरी महीने में कुल 72 मवेशी चोरी हुए इनमें 12 ग्वालियर रेंज के हैं। फरवरी में 43 मवेशी चोरी की वारदातें हुई इनमें 8 ग्वालियर रेंज के हैं।