मेंस में बदलाव इस साल से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी समेत इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में दो बड़े बदलाव हुए हैं। एक रैंकिंग से संबंधित है और दूसरा परीक्षा के माध्यम और फ ॉर्मेट से। पहले रैंकिंग के लिए छात्रों द्वारा परीक्षा में प्राप्त अंकों को आधार बनाया जाता था, अब पर्सेंटाइल स्कोर को आधार बनाया जाएगा। दूसरी तरफ परीक्षा कंप्यूटर आधारित हो गई है।
अप्रैल में भी भाग ले सकेंगे स्टूडेंट्स जनवरी और अप्रैल में होने वाले एग्जाम में स्टूडेंट्स को दोनों में भाग लेने का मौका मिलेगा। अप्रैल में भी परीक्षा का आयोजन 14 दिनों तक होगा और हर दिन कई सत्र होंगे।
सभी सेशन का अलग पर्सेंटाइल स्कोर छात्रों की रैंकिंग के लिए एनटीए स्कोर का सहारा लिया जाएगा। जिसमें सभी चरणों में आयोजित परीक्षा के पर्सेंटाइल स्कोर को जोड़कर निकाला जाएगा। पहले सभी सेशन का अलग-अलग पर्सेंटाइल स्कोर निकाला जाएगा। फि र उनको एक साथ मिलाकर ओवरऑल मेरिट और रैंकिंग तैयार की जाएंगी। अगर दो या उससे ज्यादा कैंडिडेट्स का बराबर पर्सेंटाइल हुआ, तो जिस कैंडिडेट का मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री में ज्यादा पर्सेंटाइल होगा, उसका पर्सेंटाइल ज्यादा माना जाएगा।