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ट्रैफिक सुधार के लिए बने यह नियम, इन Rules का हो कड़ाई से पालन

locationग्वालियरPublished: Jun 05, 2020 12:40:44 pm

Submitted by:

monu sahu

कड़ाई से पालन कराया जाए तो काफी हद तक ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा

traffic improvement in gwalior Rules

ट्रैफिक सुधार के लिए बने यह नियम, इन Rules का हो कड़ाई से पालन

ग्वालियर। लॉकडाउन में सडक़ों पर वाहन न दौडऩे से चौराहे-तिराहे पर न पुलिस की जरूरत पड़ी न सीसीटीवी से निगरानी की। सब कुछ सुचारू रूप से चला। अब वाहनों की दौड़ सडक़ों पर फिर से शुरू हो गई है तो ट्रैफिक व्यवस्था पहले की तरह गड़बड़ाने लगी है। इसका कारण नियम बनाकर भूल जाना। ऐसे कई नियम है जो ट्रैफिक सुधार के लिए बनाए गए। कुछ दिन उनका पालन भी हुआ। लेकिन एसपी के बदलते ही या फिर समय बीतने बाद खुद पुलिस उन नियमों का पालन कराना भूल गई। यही वजह रही कि यातायात व्यवस्था सुधर नहीं पाती। पत्रिका ऐसे ही कुछ नियमों का ध्यानकर्षण कराना चाहती है जिनको बनाने के बाद भूला दिया गया। अगर इन पर कड़ाई से पालन कराया जाए तो काफी हद तक ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा।
जीरो टॉलरेंस
संतोष सिंह जब ग्वालियर के एसपी रहे तब उन्होंने शहर के छह व्यस्तम चौराहा-तिराहा को जीरों टॉलेरेंस बनाया था। उनके रहते हुए इसका फायदा भी मिला। ट्रैफिक में सुधार भी हुआ। लेकिन उनके जाते ही जीरो टॉलरेंस का कुछ अता पता ही नहीं है।
क्या होना चाहिए
जीरों टॉलरेंस का दोबारा से पालन हो, उन पोइंटों पर तीन से चार ट्रेफिककर्मी तैनात रहे। जो ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की अच्छी तरह खबर ले। इस पर लगातार कार्रवाई होती रहे।
लेफ्ट टर्न
शहर के सभी लेफ्ट टर्न को अतिक्रमण मुक्त करने की पहल 2019 में शुरू हुई थी। जिससे यातायात बेहतर हो। इस पर काम भी हुआ। लेफ्ट टर्न अतिक्रमण मुक्त भी हुए। लेकिन सिर्फ दो महीने ही इसके बाद पुलिस भूल गई। वर्तमान में फिर से लेफ्ट टर्न पर चाहे वो अचलेश्वर रोड वाला हो या कंपू तिराहे वाला या फिर हजीरा का सभी जगह वाहनों और ठेले वालों का कब्जा हो गया है।
क्या होना चाहिए
लेफ्ट टर्न को अतिक्रमण मुक्त करना काफी अच्छी पहल है। पहले कुछ पोइंट सिलेक्ट कर उन पर सख्ती से नजर रखनी होगी। बेरीकेट्स लगाने होगे। नियमों का उल्लंघन करने वाले पर ज्यादा से ज्यादा चालान हो। चंद महीने में भूले नहीं लगातार इस पर काम होता रहे।
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एकांकी मार्ग
शहरभर में 18 वनवे मार्ग बनाए गए है। लेकिन 15 ऐसे एकांकी मार्ग है जहां रोजाना नियम टूट रहे है। पुलिस को याद आती है तब बेरीकेट्स लगाकर खड़ी हो जाती है। तीन दिन बाद भूल जाती है।
क्या होना चाहिए
जो एकांकी मार्ग है वहां नगर निगम को बार्ड लगा देना चाहिए ताकि पब्लिक को मालूम रहे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे से उन पोइंट पर निगरानी रखे। जो नियम तोड़े उन पर कड़ी कार्रवाई हो।
रिटायर्ड ट्रैफिक डीएसपी राकेश सिन्हा
ट्रैफिक सुधार के लिए जो भी अफसर नियम कायदे बनाकर गए उन्हें भूलना नहीं चाहिए। बल्कि उनका डिसप्ले होना चाहिए। नगर निगम को चाहिए जगह-जगह बोर्ड लगाकर लोगों को बताए। इसके अलावा ट्रफिक के प्रति जो जागरूक लोग है वह भी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का ध्यान इंगित करते रहे। अब देखता हूं एक-एक पोइंट पर पांच-पांच पुलिसकर्मी गुट बनाकर खड़े रहते है।
इस पर कड़ाई से रोक लगानी होगी। पहले ट्रैफिक डीएसपी, टीआई, एसआई सभी पोइंट चैक करते थे। सुबह रॉलकॉल में सभी को काम दिया जाता था। शाम को उन्हें रोजना रोजनामचे में लिखना होता था कि हमें यह टारगेट दिया हमने यह किया। लेकिन अब कुछ ऐसा नहीं है। अब कोई सुपरवाइज ही नहीं करता। ट्रैफिक में सुधर करना है तो सुपरवाइजिंग अफसर और ट्रैफिक के प्रति जागरूक लोगों को ईमानदारी से काम करना होगा।
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