scriptसडक़ों पर ट्रैफिक व्यवस्था फेल, वाहन चालक परेशान | Traffic system fails on roads, driver upset | Patrika News

सडक़ों पर ट्रैफिक व्यवस्था फेल, वाहन चालक परेशान

locationग्वालियरPublished: Aug 17, 2019 02:28:27 am

सरकारें बदल गईं, अफसरों की तमाम बार अदला-बदली हो चुकी है फिर भी पब्लिक को जाम की समस्या से निदान नहीं मिला।

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सडक़ों पर ट्रैफिक व्यवस्था फेल, वाहन चालक परेशान

ग्वालियर. ट्रैफिक के जाल में सडक़ों पर जाम से मुक्ति के लिए कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं होना बड़ी समस्या बन गया है, शहर के कुछ रास्ते तो ऐसे हो चुके हैं जिन पर जाने से पहले लोगों के जहन में सवाल उठता है कि वहां तो जाम होगा। सरकारें बदल गईं, अफसरों की तमाम बार अदला-बदली हो चुकी है फिर भी पब्लिक को जाम की समस्या से निदान नहीं मिला। फालका बाजार रोड पर तो दोपहर 12:30 के करीब जाम लगना रुटीन बन चुका है। इस रास्ते मुहाने पर ट्रैफिक प्वाइंट भी रहता है और बाजार में पुलिस चौकी भी है। फिर भी जाम से लोगों को अपने स्तर पर ही जूझना पड़ता है। यातायात पुलिस दलील देती है कि दोपहर के वक्त गल्र्स स्कूल की छुट्टी होती है बच्चों को लाने ले जाने वाले वाहन एक साथ निकलते हैं चारों तरफ से वाहन आते हैं तो सडक़ पर ट्रैफिक प्रेशर बढऩे से रास्ता कुछ देर के लिए ब्लॉक होता है।
बाजार में रहने वाले और कारोबारी कहते हैं बाजार में सुबह से शाम तक जाम कब लग जाए नहीं पता। दोपहर के वक्त तो हालत बदतर होती है। स्कूल की छुट्टी के वक्त ऑटो, वैन की भीड़ चलती है और बाजार का ट्रैफिक आमने-सामने आने पर जाम होता है। 30 से 45 मिनट वाहन चालक रेंगने के लिए भी जूझते हैं। कुछ समय पहले छुट्टी के वक्त यहां पुलिसकर्मी ट्रैफिक इंतजाम के लिए आते थे, अब वह भी नहीं आते। जिसे जहां जगह मिलती है वहां वाहन घुसाता है। इससे भी स्थिति उलझती है। बाजार में पार्किंग भी नहीं है। इसलिए खरीदारी करने आने वालों की गाडिय़ां भी सडक़ पर ही खड़ी होकर रास्ता घेरती हैं। बाजार में जाम नहीं लगे इसलिए भैंसमंडी से आकर छप्परवाला पुल की तरफ जाने वाले वाहनों को बिना रुके चलाने के लिए फ्री लेफ्ट टर्न बनाया है, लेकिन जाम के वक्त इस टर्न पर भी वाहनों की भीड़ जमा रहती है। उधर बच्चों को स्कूल लाने वाले ऑटो चालक सुजीत ने बताया कि हर दिन करीब 300 से ज्यादा वाहन बच्चों को स्कूल लाते ले जाते हैं। यातायात पुलिस चाहे जब सुबह और स्कूल के टाइम पर यह देखने के लिए तो चेकिंग लगा देती है कि ऑटो और वैन में बच्चों की गिनती ज्यादा तो नहीं है। लेकिन इस पर ध्यान नहीं देती है कि जाम में वाहनों के फंसे से रहने से ही बच्चे बिना वजह परेशान होते हैं।
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