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अब कोहरे के कारण नहीं होंगे ट्रेन के एक्सीडेंट… आ गई नई तकनीक

locationग्वालियरPublished: Dec 10, 2019 01:18:58 am

कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए झांसी रेल मंडल ने ट्रेनों के इंजनों में फॉग डिवाइस लगाए हैं, इससे ट्रेन चालक को आधा किलोमीटर पहले ही पता लग जाएगा आगे क्या है।

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अब कोहरे के कारण नहीं होंगे ट्रेन के एक्सीडेंट… आ गई नई तकनीक

ग्वालियर. कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए झांसी रेल मंडल ने ट्रेनों के इंजनों में फॉग डिवाइस लगाए हैं, इससे ट्रेन चालक को आधा किलोमीटर पहले ही पता लग जाएगा आगे क्या है। इससे चालक सतर्क हो सकेंगे और दुर्घटनाएं नियंत्रित होंगी। साथ ही रात में अधिकारी व पर्यवेक्षक ट्रेनों के इंजन में बैठकर अलग-अलग सेक्शनों की निगरानी कर रहे हैं।
कोहरे की सबसे अधिक मार दिल्ली-झांसी, कानपुर-झांसी व मानिकपुर-झांसी सेक्शन में पड़ती है। आम दिनों में झांसी से नईदिल्ली जाने वाली ट्रेनों को छह से आठ घंटे का समय लगता है, लेकिन कोहरे के दिनों में यह दूरी कई घंटे बढ़ जाती है। बढ़ते कोहरे के साथ चालक दल को ट्रेन को चलाने में काफी दिक्कत होती है। ऐसे में कई बार वह सेक्शन खाली देख ट्रेन को दौड़ाना शुरू कर देते हैं, यही गलती कभी-कभी रेल दुर्घटना का कारण बन जाती है।
चालक 10 घंटे से अधिक ट्रेन नहीं चलाएंगे
रेलवे बोर्ड ने आदेश दिए हैं कि कोई भी चालक कोहरे में 10 घंटे से अधिक ट्रेन नहीं चलाएगा। ट्रेन चालक, स्टेशन मास्टर और गेटमैन की सजगता जांचने और संचालन पर नजर रखने के लिए मंडल के सभी तकनीकी अफसर व पर्यवेक्षकों की ड्यूटी इंजन पर लगा दी गई है। ये अफसर हफ्ते में दो बार किसी भी ट्रेन के इंजन पर चढ़कर रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक निरीक्षण करेंगे।

झांसी मंडल ने 300 डिवाइस लगाए
झांसी मंडल की ट्रेनों के साथ जिन ट्रेनों को यहां का स्टाफ लेकर जाता है, उनमें फॉग डिवाइस लगाए गए हैं। इसमें मेल, पैंसेजर मालगाड़ी शामिल हैं। इनमें जब लोको पायलट जाता है तो फॉग डिवाइस लगा देता है। ड्यूटी खत्म होने पर निकाल लेता है।

ट्रेन का संचालन करने के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। संबंधित अधिकारी व पर्यवेक्षकों को रोस्टर के हिसाब से ट्रेन ड्यूटी पर लगाया जा रहा है।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ

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