काम और वक्त का हवाला देकर गायब
यातयात पुलिस के अधिकारी कहते हैं, ट्रेङ्क्षनग के दौरान तो 50 करीब लोग पुलिस के पास आए। इनमें करीब 35 को ट्रैफिक वार्डन तय किया गया, लेकिन फिर इन वार्डन ने काम और वक्त का हवाला देकर दूरी बनाई। सभी लोग मर्जी से वार्डन बने थे, इसलिए किसी को जबरिया काम के लिए बाध्य भी नहीं किया जाा सकता है। शुरू में एक दो दिन दिन यह वार्डन चौराहों पर पुलिस के साथ डयूटी करते दिखे फिर वापस नहीं आए।
यह किया था वादा
ट्रैफिक वार्डन बनने की हसरत रखने वालों ने पुलिस से वादा किया था, वह खुद तो यातायात के नियम का पालन करेंगे। पब्लिक से भी करवाएंगे। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में पीछे नहीं हटेंगे। पब्लिक के इस सपोर्ट पर पुलिस को भी लगा था लोग साथ आएंगे तो उसका काम भी हल्का होगा। जिन सड़कों पर लोग यातायात के नियम तोडऩे के आदी हो चुके हैं। वहां ट्रैफिक वार्डन की मदद से लगाम कसी जा सकेगी।
ट्रैफिक वार्डन बनने की हसरत रखने वालों ने पुलिस से वादा किया था, वह खुद तो यातायात के नियम का पालन करेंगे। पब्लिक से भी करवाएंगे। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में पीछे नहीं हटेंगे। पब्लिक के इस सपोर्ट पर पुलिस को भी लगा था लोग साथ आएंगे तो उसका काम भी हल्का होगा। जिन सड़कों पर लोग यातायात के नियम तोडऩे के आदी हो चुके हैं। वहां ट्रैफिक वार्डन की मदद से लगाम कसी जा सकेगी।
मुख्य रास्तों पर निगरानी, बाकी पर मनमानी
यातयात पुलिस अधिकारी कहते हैं शहर के लगभग रास्तों पर यातायात का दवाब है, लेकिन बल उतना नहीं है। इसलिए मुख्य रास्तों पर तो यातयात पुलिस हर दिन चैङ्क्षकग और सख्ती करती है। बाकी पर निगरानी नहीं होती। वहां वाहन चालक बेफ्रिक होकर नियम की अनदेखी भी करते हैं। इसमें सुधार के लिए ट्रैफिक वार्डन योजना शुरू की थी।
यातयात पुलिस अधिकारी कहते हैं शहर के लगभग रास्तों पर यातायात का दवाब है, लेकिन बल उतना नहीं है। इसलिए मुख्य रास्तों पर तो यातयात पुलिस हर दिन चैङ्क्षकग और सख्ती करती है। बाकी पर निगरानी नहीं होती। वहां वाहन चालक बेफ्रिक होकर नियम की अनदेखी भी करते हैं। इसमें सुधार के लिए ट्रैफिक वार्डन योजना शुरू की थी।