scriptतीन साल में ही उखड़ गई ट्रांसपोर्ट नगर की सडक़ | Transport Nagar's road was uprooted in three years | Patrika News

तीन साल में ही उखड़ गई ट्रांसपोर्ट नगर की सडक़

locationग्वालियरPublished: Jul 24, 2021 07:57:20 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– फिर से बदहाल हुआ ट्रांसपोर्ट नगर, ट्रांसपोर्टरों का गड्ढे और कीचड़ में काम करना हुआ मुश्किल

तीन साल में ही उखड़ गई ट्रांसपोर्ट नगर की सडक़

तीन साल में ही उखड़ गई ट्रांसपोर्ट नगर की सडक़

ग्वालियर. ट्रांसपोर्ट नगर का हाल इन दिनों काफी बुरा है। यहां काम करने वाले ट्रांसपोर्टर से लेकर यहां के रहवासी सडक़ों में हो चुके बड़े-बड़े गड्ढों से खासे परेशान हैं। बरसात का मौसम होने के कारण इन गड्ढों में कीचड़ और पानी भी भर गया है। ऐसे में कई लोग यहां गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं। इसके साथ ही यहां दिन भर आने वाली गाडिय़ों के वाहन चालक भी इन गड्ढों के चलते वाहन नहीं चला पा रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि 1995 में ग्वालियर विकास प्राधिकरण की ओर से बसाए गए ट्रांसपोर्ट नगर की सडक़ें तीन वर्ष पूर्व बनाई गई थीं और अब इतनी जल्दी इनका हाल ऐसा हो गया है।
हाइकोर्ट के आदेश पर बनी थी सडक़
हाइकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जीडीए को ट्रांसपोर्ट नगर की 13.5 किलोमीटर लंबी संडक़ बनाने के आदेश दिए थे। सडक़ का ये काम 31 दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था। उस समय जीडीए ने आनन-फानन में दिसंबर तक यहां की सडक़ें बनवाई थीं।
फैक्ट फाइल
– कुल ट्रांसपोर्ट कारोबारी करीब 650
– हर रोज दो हजार से अधिक गाडिय़ां आती-जाती हैं।
– ट्रांसपोर्ट नगर में करीब 1500 लोग रोजाना वेल्डिंग, वाहन सुधारने आदि के काम करते हैं।
– कुल छह पार्किंग में साढ़े छह किलोमीटर के क्षेत्र में बसा हुआ है ट्रांसपोर्ट नगर।
ेकाम करना हुआ मुश्किल
जो सडक़ें आज से दो साल पहले बनी थी, वो पूरी तरह से टूट गई हैं। ऐसे में काम करना मुश्किल है। ठेकेदार को मेंटेनेंस का ठेका दिया था, वो पूरा नहीं हुआ। सडक़ बनाने के बाद कोई मेंटनेंस हुआ ही नहीं है। यहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है।
– सुनील माहेश्वरी, ट्रांसपोर्ट कारोबारी
नगर निगम को शिफ्ट करेंगे
ट्रांसपोर्ट नगर की ये स्कीम हम जल्द ही नगर निगम को शिफ्ट करने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया जारी है। वैसे ट्रांसपोर्ट नगर में बड़ी-बड़ी गाडिय़ां आती हैं तो स्वाभाविक है कि उससे सडक़ों में टूट-फूट तो होगी ही।
– केके गोर, सीईओ, ग्वालियर विकास प्राधिकरण
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