हाइकोर्ट के आदेश पर बनी थी सडक़
हाइकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जीडीए को ट्रांसपोर्ट नगर की 13.5 किलोमीटर लंबी संडक़ बनाने के आदेश दिए थे। सडक़ का ये काम 31 दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था। उस समय जीडीए ने आनन-फानन में दिसंबर तक यहां की सडक़ें बनवाई थीं।
हाइकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जीडीए को ट्रांसपोर्ट नगर की 13.5 किलोमीटर लंबी संडक़ बनाने के आदेश दिए थे। सडक़ का ये काम 31 दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था। उस समय जीडीए ने आनन-फानन में दिसंबर तक यहां की सडक़ें बनवाई थीं।
फैक्ट फाइल
– कुल ट्रांसपोर्ट कारोबारी करीब 650
– हर रोज दो हजार से अधिक गाडिय़ां आती-जाती हैं।
– ट्रांसपोर्ट नगर में करीब 1500 लोग रोजाना वेल्डिंग, वाहन सुधारने आदि के काम करते हैं।
– कुल छह पार्किंग में साढ़े छह किलोमीटर के क्षेत्र में बसा हुआ है ट्रांसपोर्ट नगर।
– कुल ट्रांसपोर्ट कारोबारी करीब 650
– हर रोज दो हजार से अधिक गाडिय़ां आती-जाती हैं।
– ट्रांसपोर्ट नगर में करीब 1500 लोग रोजाना वेल्डिंग, वाहन सुधारने आदि के काम करते हैं।
– कुल छह पार्किंग में साढ़े छह किलोमीटर के क्षेत्र में बसा हुआ है ट्रांसपोर्ट नगर।
ेकाम करना हुआ मुश्किल
जो सडक़ें आज से दो साल पहले बनी थी, वो पूरी तरह से टूट गई हैं। ऐसे में काम करना मुश्किल है। ठेकेदार को मेंटेनेंस का ठेका दिया था, वो पूरा नहीं हुआ। सडक़ बनाने के बाद कोई मेंटनेंस हुआ ही नहीं है। यहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है।
– सुनील माहेश्वरी, ट्रांसपोर्ट कारोबारी
जो सडक़ें आज से दो साल पहले बनी थी, वो पूरी तरह से टूट गई हैं। ऐसे में काम करना मुश्किल है। ठेकेदार को मेंटेनेंस का ठेका दिया था, वो पूरा नहीं हुआ। सडक़ बनाने के बाद कोई मेंटनेंस हुआ ही नहीं है। यहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है।
– सुनील माहेश्वरी, ट्रांसपोर्ट कारोबारी
नगर निगम को शिफ्ट करेंगे
ट्रांसपोर्ट नगर की ये स्कीम हम जल्द ही नगर निगम को शिफ्ट करने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया जारी है। वैसे ट्रांसपोर्ट नगर में बड़ी-बड़ी गाडिय़ां आती हैं तो स्वाभाविक है कि उससे सडक़ों में टूट-फूट तो होगी ही।
– केके गोर, सीईओ, ग्वालियर विकास प्राधिकरण
ट्रांसपोर्ट नगर की ये स्कीम हम जल्द ही नगर निगम को शिफ्ट करने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया जारी है। वैसे ट्रांसपोर्ट नगर में बड़ी-बड़ी गाडिय़ां आती हैं तो स्वाभाविक है कि उससे सडक़ों में टूट-फूट तो होगी ही।
– केके गोर, सीईओ, ग्वालियर विकास प्राधिकरण