ट्रॉमा सेंटर : एक ऑक्सीजन मास्क, कई मरीज, संक्रमण का बढ़ा खतरा
ग्वालियरPublished: Jan 30, 2019 01:28:18 am
ऑक्सीजन पाइप लाइन रख-रखाव में लापरवाही, जेएएच में पैरामेडिकल स्टाफ का कारनामा
ग्वालियर. यदि आपका कोई मरीज जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेन्टर, आइसीयू या वार्ड में भर्ती है तो हो सकता है वह अपनी बीमारी के साथ संक्रमण का भी शिकार हो जाए। इसकी वजह जेएएच में एक ही मास्क से कई मरीजों को ऑक्सीजन लगाया जाना है।
कुल मिलाकर ये है कि ऑक्सीजन पाइप लाइन रख-रखाव में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। जेएएच के पैरामेडिकल स्टॉफ जिस पर ऑक्सीजन पाइप लाइन रख-रखाव का जिम्मा है वह इस पर न तो ध्यान दे रहा है और न ही उसको लेकर गंभीर है। पत्रिका टीम ने जेएएच के आइसीयू में मामले को जानने का प्रयास किया। पता चला कि उपकरणों का रख-रखाव मापदंड के अनुसार नहीं किया जाता। आइसीयू में करीब सात-आठ दिन से भर्ती एक मरीज के परिजन रामकुमार ने बताया कि अब तक उन्होंने तो कभी किसी को उपकरण का देखभाल करते नहीं देखा। आकस्मिक उपचार केन्द्र के वार्ड में ऑक्सीजन सिस्टम लगे होने के बाद भी उनका उपयोग नहीं किया जाता, इसके चलते जरूरी और बहुकीमती उपकरण भी खराब हो रहे हैं। मामला पूर्व में रहे अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के समक्ष आया लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई थी।
आधे भी नहीं कर रहे हैं काम
वहां काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में यहां की व्यवस्था दुरुस्त होना चाहिए, लेकिन यहां मरीजों को वेंटिलेटर तक के लिए जूझना पड़ता है। 12 में से 6-7 तो पूरी तरह काम भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ-साथ ऑक्सीजन सिस्टम का रख-रखाव भी पूरी तरह बिगड़ा हुआ है। जिम्मेदार स्टॉफ इन पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। इसका नतीजा ये है कि पिछले दिनों ऑक्सीजन खत्म हो जाने पर दूसरा सिलेंडर जो लाया गया था, वह खराब था, जिसकी जगह दूसरा लाने में देरी हो गई, इसी बीच एक मरीज की मौत हो गई थी, जिसको लेकर जेएएच में काफी बवाल हुआ था।
सबकी जिम्मेदारी तय है
“ऑक्सीजन सप्लाई के उपकरणों के रख-रखाव की जिम्मेदारी तय है। पैरामेडिकल स्टाफ को यह काम करना चाहिए। अगर वे नहीं कर रहे हैं तो संबंधित को नहीं छोड़ा जाएगा।”
डा. अशोक मिश्रा, अधीक्षक जेएएच