पहले यह प्रसाद मंदिर लाया जाता था, फिर भोग लगाकर मंदिर के नटराज हॉल में पैकेट तैयार कराए जाते थे। दो दिन पहले फिर से प्रसाद बिकना शुरू करा दिया गया है। यह प्रसाद मंदिर से बाहर तैयार कराकर पैकेट में लाया जाता है। अब पैकेट का वजन 50 ग्राम है, हालांकि रेट पुराने ही रखे गए हैं।
एक साल पहले प्रसाद बेचने का काम शुरू किया गया था, जिसका प्रभार प्रदीप बंसल को सौंपा था। अब कौन बेच रहा है, मुझे जानकारी नहीं है।
नरेंद्र सिंघल, न्यासी अचलेश्वर मंदिर
करीब दो महीने पहले कार्यकारिणी ने प्रसाद बेचने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद प्रसाद बेचने का काम बंद हो गया था। अब तक प्रसाद वितरण को लेकर कार्यकारिणी की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
प्रदीप बंसल, प्रसाद वितरण के पूर्व प्रभारी
यह जानकारी अध्यक्ष से लें, उन्हें ही पता है।
प्रसाद की मांग लगातार बनी हुई थी, जल्दी व्यवस्था में परिवर्तन होगा।
भुवनेश्वर वाजपेयी, सचिव सहमति ली है
चूहों के कारण प्रसाद बेचने में घाटा हो रहा था। अब यह काम मंदिर के कर्मचारी रमेश बंसल को सौंपा है। पुन: प्रसाद वितरण को लेकर कार्यकारिणी सदस्यों की सहमति ली गई।
हरिदास अग्रवाल, अध्यक्ष, श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर सार्वजनिक न्यास
मंदिर के पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यों में 6 महीने पहले दानदाताओं को कंप्यूटराइज्ड रसीद दिए जाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए कंप्यूटर नटराज हॉल में पैक रखा है, जो अब तक चालू नहीं हो सका है। इसी तरह न्यास के कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर थम्ब मशीन लगाई गई थी। यह मशीन भी अब तक शुरू नहीं हो सकी।