ग्वालियर

अचलेश्वर मंदिर के न्यासी को पता ही नहीं, न्यास ने फिर शुरू कर दिया प्रसाद बेचना, दो महीने पहले लगी थी रोक

अध्यक्ष कार्यकारिणी की सहमति लेने की बात कह रहे हैं, जबकि पूर्व प्रसाद वितरण प्रभारी इससे इनकार कर रहे हैं

ग्वालियरJul 17, 2018 / 06:25 pm

Rahul rai

अचलेश्वर मंदिर के न्यासी को पता ही नहीं, न्यास ने फिर शुरू कर दिया प्रसाद बेचना, दो महीने पहले लगी थी रोक

ग्वालियर। शहर के प्रसिद्ध अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास की कार्यकारिणी द्वारा दो महीने पहले न्यास की ओर से प्रसाद बेचे जाने पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अभी दो दिन पहले प्रसाद बेचना फिर शुरू कर दिया गया है। यह किसने शुरू कराया, इस संबंध में न्यासी, कोषाध्यक्ष व पूर्व प्रसाद वितरण प्रभारी को पता ही नहीं है। सब अलग-अलग बात कह रहे हैं।
 

अध्यक्ष कार्यकारिणी की सहमति लेने की बात कह रहे हैं, जबकि पूर्व प्रसाद वितरण प्रभारी इससे इनकार कर रहे हैं। करीब एक साल पहले देश के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की तर्ज पर अचलेश्वर मंदिर पर प्रसाद वितरण पर सहमति बनी थी। इसके लिए प्रदीप बंसल को इंचार्ज बनाया गया था।
 

प्रसाद के पैकेट पर 22 से 27 रुपए का खर्च आ रहा था, यह पैकेट 70 ग्राम के करीब था। इसे 20 रुपए में बेचा जा रहा था। इससे हर महीने होने वाले घाटे के कारण कार्यकारिणी ने दो महीने पहले प्रसाद बेचना बंद कर दिया था।
 

वजन कम हुआ, रेट पुराने
पहले यह प्रसाद मंदिर लाया जाता था, फिर भोग लगाकर मंदिर के नटराज हॉल में पैकेट तैयार कराए जाते थे। दो दिन पहले फिर से प्रसाद बिकना शुरू करा दिया गया है। यह प्रसाद मंदिर से बाहर तैयार कराकर पैकेट में लाया जाता है। अब पैकेट का वजन 50 ग्राम है, हालांकि रेट पुराने ही रखे गए हैं।
 

क्या कहते हैं न्यास के पदाधिकारी
एक साल पहले प्रसाद बेचने का काम शुरू किया गया था, जिसका प्रभार प्रदीप बंसल को सौंपा था। अब कौन बेच रहा है, मुझे जानकारी नहीं है।
नरेंद्र सिंघल, न्यासी अचलेश्वर मंदिर
करीब दो महीने पहले कार्यकारिणी ने प्रसाद बेचने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद प्रसाद बेचने का काम बंद हो गया था। अब तक प्रसाद वितरण को लेकर कार्यकारिणी की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
प्रदीप बंसल, प्रसाद वितरण के पूर्व प्रभारी
यह जानकारी अध्यक्ष से लें, उन्हें ही पता है।
रामनाथ अग्रवाल, कोषाध्यक्ष
प्रसाद की मांग लगातार बनी हुई थी, जल्दी व्यवस्था में परिवर्तन होगा।
भुवनेश्वर वाजपेयी, सचिव

 

सहमति ली है
चूहों के कारण प्रसाद बेचने में घाटा हो रहा था। अब यह काम मंदिर के कर्मचारी रमेश बंसल को सौंपा है। पुन: प्रसाद वितरण को लेकर कार्यकारिणी सदस्यों की सहमति ली गई।
हरिदास अग्रवाल, अध्यक्ष, श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर सार्वजनिक न्यास
 

छह महीने में कंप्यूटर नहीं हो सका चालू
मंदिर के पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यों में 6 महीने पहले दानदाताओं को कंप्यूटराइज्ड रसीद दिए जाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए कंप्यूटर नटराज हॉल में पैक रखा है, जो अब तक चालू नहीं हो सका है। इसी तरह न्यास के कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर थम्ब मशीन लगाई गई थी। यह मशीन भी अब तक शुरू नहीं हो सकी।
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