हवा के झौंके ने छीन ली मासूमों की जिंदगी, जा रहे थे बिमार दादी से मिलने
two children death by shrunk in yamuna river near to itawah : पांचों लोग स्कूटर और बाइक सहित नाव में सवार थे, हवा का झोंका आने से नाव डगमगा कर पलटी.......

@ ग्वालियर.
बुजुर्ग मां की तबियत खराब होने पर लॉकडाउन में गांव के लिए निकला कंडक्टर का परिवार इटावा में यमुना नदी क्रॉस करते समय नाव पलटने से डूब गया। हादसे में माता-पिता और बेटे को लोगों ने बचा लिया लेकिन छोटा बेटा और उसकी हम उम्र मौसेरी बहन की मौत हो गई। पांचों लोग स्कूटर और बाइक सहित नाव में सवार थे, हवा का झोंका आने से नाव डगमगा कर पलटी, मल्लाह ने नाव में बैठे लोगों को बचाने की कोशिश तक नहीं की। परिवार भी चोरी छिपे गांव जा रहा था उनके पास भी सफर की परमीशन नहीं थी। इसलिए पुलिस की नजर से बचने के लिए सुबह तडक़े घर से निकला था।
चकरनगर थाना प्रभारी मस्सा सिंह ने बताया रविवार को यमुना नदी के शेरगढ घाट क्रास कर रही नाव पलट गई। उस पर पप्पनसिंह सेंगर उनकी पत्नी नीरज सिंह बेटा आर्यन, रितिक और भतीजी जानू बैठे थे। पप्पन इंद्रानगर, ग्वालियर में रहते हैं । रविवार सुबह करीब तीन बजे एक्टिवा और बाइक से शेरगढ घाट तक आ गए थे, इन्हें बमाइन गांव, औरेया जाना था।
ये सब कनस्तर के पुल से नदी क्रास करना चाहते थे, लेकिन वह टूटा था तो नाव में बैठ गए। नाव बीच नदी में थी हवा का झोंका लगने से पलट गई । नदी किनारे मौजूद लोगों ने पुलिस को हादसा की सूचना दी और डूब रहे लोगों को बचाने के लिए जमुना में कूद गए। तमाम कोशिश के बाद आर्यन 11 और जानू 10 डूब गए। कुछ देर सर्चिंग के बाद उन्हें पानी से निकाल कर अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने दोनों का चेकअप कर उन्हें मृत बताया।
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पप्पन ने पुलिस को बताया की मां कमलेश देवी गांव में रहती है। उनकी तबियत खराब है। लॉकडाउन में आना जाने के साधन बंद हैं। इसलिए पत्नी बच्चों सहित मां का हालचाल पूछने के लिए स्कूटर और बाइक से गांव के लिए रवाना हुए थे।
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