scriptसांस्कृतिक संध्या में झलका भारतीय एवं पाश्चात्य संस्कृति का अनूठा संगम | Unique confluence of Indian and Western culture reflected in cultural | Patrika News

सांस्कृतिक संध्या में झलका भारतीय एवं पाश्चात्य संस्कृति का अनूठा संगम

locationग्वालियरPublished: Oct 23, 2019 01:20:16 am

Submitted by:

prashant sharma

ग्वालियर में आयोजित चार दिवसीय वार्षिक महोत्सव

सांस्कृतिक संध्या में झलका भारतीय एवं पाश्चात्य संस्कृति का अनूठा संगम

सांस्कृतिक संध्या में झलका भारतीय एवं पाश्चात्य संस्कृति का अनूठा संगम

ग्वालियर. जहां एक और भारतीय संस्कृति की भावना एवं परंपरा से ओत-प्रोत भारत के विभिन्न प्रांतों के लोकनृत्य भारतीय संस्कृति की प्राचीनता एवं विभिन्नता का परिचय दे रहे थे, जिनमे राजस्थानी, भांगडा, डांडिया-गरबा, बॉलीवुड, प्रमुख रहें। वहीं पाश्चात्य संस्कृति की परिचायक नृत्य शैलियो जैसे- कन्टेम्परी एवं हिपहॉप, सालसा, डांस प्रस्तुत हुए। इस वर्ष इस कार्यक्रम में कुछ थीम बेस्ड नृत्य प्रस्तुतियां विषेष आकर्षण रही जिनमे गॉधीयन थॉट्स थीम, नारी सषक्तिकरण थीम, वात्सल्य रस एवं वीभत्स रस पर आधारित थीम भी शामिल थी। कार्यक्रम का शुभारंभ क्लासिकल डांस बेस्ड गणेश वंदना से किया गया। 15 से अधिक रगांरग प्रस्तुतियां दी गई जिसमें 11 नृत्य प्रस्तुतियां प्रमुख रही। इसी कडी मे 3 ब्रांड एम्बेसडर राउंड भी आयोजित किये गये जिनमें विभिन्न परिधानों को पहनकर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओ ने फेषन षो राजस्थानी, स्वेदषी एवं ब्राइडल थीम पर आधारित थीम पर रैम्प वॉक किया। इसी दौरान एक बैण्ड परर्फोमेंस भी दिया गया। इस सांस्कृतिक संध्या मे महाविद्यालय के लगभग 280 से अधिक छात्र-छात्राओ ने प्रस्तुतियां दी। यह जानकारी स्पंदन-2019 की सांस्कृतिक संध्या की समन्वयक डॉं. राजपूत ने दी। प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर के प्रागंण में आयोजित चार दिवसीय वार्षिक उत्सव स्पंदन-2019 का समापन एक सांस्कृतिक संध्या के साथ किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अशोक गोयल, पुलिस उपमहानिरिक्षक, चंबल संभाग, उपस्थित थे। गोयल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत एक युवा देश है और युवा इस देश की शक्ति है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अकादमिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हमेशा से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज छात्र/छात्राओं द्वारा जितने भी कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये वे सभी वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओत-प्रोत थे। गणेश वंदना के माध्यम से किसी भी कार्य की शुरूआत करना भारतीय संस्कृति की पहचान है जिसे प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर के छात्र/छात्राओं ने अपने गणेश स्तुति कार्यक्रम के द्वारा बहुत उत्तम तरीके से अभिव्यक्त किया।
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