scriptचीनोर : 9.46 करोड़ के गोलमाल में जिपं उपाध्यक्ष को उठाया | Upon raising of Rs 9.46 crore, Zipav raised the Vice President | Patrika News

चीनोर : 9.46 करोड़ के गोलमाल में जिपं उपाध्यक्ष को उठाया

locationग्वालियरPublished: Jan 16, 2019 01:09:45 am

जिला सहकारी बैंक ग्वालियर की चीनोर शाखा से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उर्वा पर 1113 किसानों के नाम पर खजाने से 9 करोड़ 46 लाख 9 हजार 766 रुपए का गोलमाल करने

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चीनोर : 9.46 करोड़ के गोलमाल में जिपं उपाध्यक्ष को उठाया

ग्वालियर. जिला सहकारी बैंक ग्वालियर की चीनोर शाखा से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उर्वा पर 1113 किसानों के नाम पर खजाने से 9 करोड़ 46 लाख 9 हजार 766 रुपए का गोलमाल करने वाले बैंककर्मी कालीचरण गौतम की गिरफ्तारी के प्रयास तेज हो गए हैं। मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में भाजपा नेता और जिला पंचायत उपाध्यक्ष शांतिशरण गौतम को पूछताछ के लिए उठा लिया। क्राइम ब्रांच की हिरासत में पहुंचे जिपं उपाध्यक्ष से पिता का पता जानने के लिए पुलिस ने पूछताछ की है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब पूर्व विधायक बृजेन्द्र तिवारी संभागायुक्त बीएम शर्मा, कलेक्टर भरत यादव, एसपी नवनीत भसीन सहित सहकारिता और सहकारी बैंक के अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई में तेजी लाने के लिए बात कर रहे थे।
दरअसल, जिला सहकारी बैंक की चीनोर शाखा से संबद्ध उर्वा समिति के जरिए बैंक और समिति कर्मियों ने किसानों के नाम का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर नकली बांड तैयार कर गोलमाल किया था। इस पूरे फर्जीवाड़े का सूत्रधार जिपं उपाध्यक्ष शांतिशरण गौतम के पिता और बैंक के पर्यवेक्षक कालीचरण गौतम को माना गया था। जांच में इनके सहित दो अन्य कर्मियों को दोषी माना गया।
इस तरह हुआ था गोलमाल
प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था उर्वा के माध्यम से 1113 कृषक सदस्यों को 3 करोड़ 79 लाख 89 हजार 594 रुपए का ऋ ण वितरित किया गया था। ऋ ण वितरण में दर्ज किसान उर्वा सोसायटी के सदस्य नहीं थे। न तो ऋणी कृषकों की कृषि भूमि वहां थी और न ही इनके नाम नॉर्मल क्रैडिट लिमिट थी। बैंक शाखा में भी कर्ज वितरण से संबंधित दस्तावेज नहीं मिले। जांच में पता चला कि वर्ष 2007-08 से 2016-17 की अवधि में हुए ऋ ण वितरण को जमा ही नहीं किया गया। मूलधन जमा न होने से ऋ ण से 5 करोड़ 66 लाख 20 हजार 172 रुपए ब्याज हो गया और जांच पूरी होने तक गोलमाल की रकम 9 करोड़ 46 लाख 9 हजार 766.14 रुपए हो गई थी। जिसमें 2017 और 2018 का ब्याज जोडऩे पर लगभग 1 करोड़ रुपए और बढ़ जाएंगे।
ये हैं उर्वा के दोषी
तत्कालीन प्राथमिक साख सहकारी सहकारी समिति उर्वा के प्रबंधक और चीनोर बैंक शाखा के पर्यवेक्षक कालीचरण गौतम तत्कालीन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ग्वालियर की शाखा चीनोर पर पदस्थ कैशियर मनीराम शर्मा और तत्कालीन शाखा प्रबंधक मुकेश माथुर को दोषी माना गया है।
देरी और दबाव
सितंबर में जांच पूरी होने पर पत्रिका ने चीनोर, तेकपुर और रिझौरा के किसानों से बात की थी। किसानों ने बताया था कि गोलमाल की जांच सहकारी निरीक्षक राजीव रूपोलिया को दी गई थी। एक महीने प्रकरण दर्ज करने में देर की गई। इस दौरान दोषी कर्मी ने राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाकर जांच बदलवाने की कोशिश की। जांच अधिकारी का तबादला पन्ना करा दिया था। चीनोर बैंक से संबद्ध नौ सोसायटियों पर ऋण माफी में घोटाले की जांच भी अधर में है। जांच के लिए भोपाल से आई पांच सदस्यीय जांच टीम को भी दबाव में लेने की लगातार कोशिश की जाती रही है।
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