scriptप्रदेश की इस तहसील में यूरिया के लिए हर रोज होती है मारामारी,यह है मुख्य वजह | urea crisis in mp at dabra | Patrika News
ग्वालियर

प्रदेश की इस तहसील में यूरिया के लिए हर रोज होती है मारामारी,यह है मुख्य वजह

प्रदेश की इस तहसील में यूरिया के लिए हर रोज होती है मारामारी,यह है मुख्य वजह

ग्वालियरJan 18, 2019 / 02:24 pm

monu sahu

khad

प्रदेश की इस तहसील में यूरिया के लिए हर रोज होती है मारामारी,यह है मुख्य वजह

ग्वालियर। प्रदेश के ग्वालियर जिले की डबरा और भितरवार तहसील में अभी भी यूरिया को लेकर किसानों में मारामारी हो रही है। किसान खेती का काम छोडक़र दिनभर यूरिया लेने के लिए लाइन लगा रहे है। इसके बाद भी पर्याप्त यूरिया नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों को रोज डबरा आकर यूरिया खाद लेने आना पड़ रहा है। दरअसल इस बार गेहूं पिछले साल से तीन गुना ज्यादा हुआ है।
किसानों का कहना है कि दिनभर उन्हें खाद लेने परेशान होना पड़ रहा है। पांच दिन से ज्यादा दिन तक पानी लग गया और यूरिया नहीं डला है,जिससे उन्हें फसल के खराब होने का डर बना है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पानी लगने के पांच दिन के अंदर यूरिया खाद आवश्यक रूप से डाली जाना चाहिए। तब ही फसल की गुणवत्ता बेहतर बनी रहती है।
महंगा बेच रहे यूरिया
दुकानदार 270 रुपए में यूरिया खाद बेच रहे हेै। जबकि निर्धारित मूल्य 269.50 रुपए है। हालांकि प्रशासन ने यूरिया की किल्लत को देखते हुए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की निगरानी में बंटवा रहे है साथ ही दुकानें भी चिन्हित की है जहां से यूरिया खाद बंटवाया जा रहा है। गुरुवार को यूरिया खाद लेने के लिए लम्बी लाइन लगी थी और किसान अपनी बारी आने का इंतजार करते देखे गए।
बाहर से आ रहे किसान
कृषि विभाग के मुताबिक अभी डबरा ब्लॉक में यूरिया का स्टॉक 950 टन है जबकि वर्तमान में बोई फसल रकवानुसार 2 हजार टन यूरिया की और आवश्यकता है। बावजूद इसके किसानों को लाइन लगाकर दिनभर परेशान होकर मात्र दो-दो बोरे ही मिल पा रहे है। डबरा ब्लॉक में अभी तक गेहूं की बुवाई 38700 हैक्टेयर में हो चुकी है जो कि कृषि विभाग को दिए गए लक्ष्य 37300 से ज्यादा हो गई है। पर अब यूरिया का संकट बना है समय पर नहीं मिलने से खड़ी गेहूं की फसल के खराब होने का संकट मंडरा रहा है। हालांकि कृषि विभाग का कहना है कि पर्याप्त खाद है और जिन दुकानों पर लाइन लग रही है वहां बाहरी किसान आ रहे है और अपने रिशतेदारों के खाते की किताब लगाकर यूरिया खाद ले रहे है।
“इस बार यूरिया के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है। पिछले कई सालों से आसानी से खाद मिल जाता था। कोई लाइन नहीं लगानी पड़ती थी इस बार लम्बी लाइन लगाकर पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा है।”
चंद्रभान,किसान
“जहां पर लाइन लग रही है वहां पर शिवपुरी और आसपास के क्षेत्र के किसान आ रहे है जो अपने रिश्तेदारों के खातों से खाद ले रहे हेै। एक दिन पहले यह शिकायत आई थी और जब वहां पहुंचे और कहा कि यूरिया के साथ कम्पोज खाद भी लेना पड़ेगी और जांच की तो लगी 50 लाइन में से 20 लोग ही रह गए थे। पर्याप्त खाद है। फिर भी 2000 टन की मांग भेजी है।”
बीके मिश्रा,वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी डबरा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो