नॉलेज बढ़ाने में करें इंटरनेट का यूज
ग्वालियरPublished: Sep 08, 2019 06:28:10 pm
जीवाजी यूनिवर्सिटी की ओर से गालव सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया।
नॉलेज बढ़ाने में करें इंटरनेट का यूज
ग्वालियर . सोशल मीडिया युवाओं के लिए 21वीं सदी में सूचना प्राप्त करने के लिए वरदान है, लेकिन गलत उपयोग के कारण यह युवाओं के लिए अभिश्राप बन रही है। आज फेसबुक, वॉट्सएप के माध्यम से लोग गलत एवं भ्रामक सूचनाओं को वायरल कर रहे हैं, जो गलत है। यह बात मुख्य अतिथि आईजी राजा बाबू सिंह ने कही। जीवाजी यूनिवर्सिटी की ओर से गालव सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज से लाइब्रेरी साइंस के प्रोफेसर्स ने ‘रोल ऑफ इन्फॉर्मेशन प्रोफेशनल्स इन डीसेमिनेटिंग नॉलेज टू यूजर’ विषय पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने की।
कट, कॉपी, पेस्ट न करें : प्रो. शुक्ला ने कहा कि इंटरनेट पर डिजिटल कंटेंट पढ़ते रहने से युवाओं की राइटिंग स्किल्स बहुत खराब हो रही हैं। डिजिटल कंटेंट से कट, कॉपी, पेस्ट तकनीक ने छात्रों की अध्ययन शक्ति को कमजोर कर दिया है। में लखनऊ विश्विद्यालय के प्रो. एमपी सिंह ने बताया कि आइटी के इस युग में इंफॉर्मेशंस को डिजिटल प्लेटफॉम्र्स, सॉफ्टवेयर एवं अन्य टूल्स की हेल्प से लोगों तक पहुंचाना बेहद आसान हो गया हैं। उन्होंने बताया की डिजिटल लाइब्रेरी बहुत हेल्पफुल है।
आम लोगों तक पहुंच रही डिजिटल लाइब्रेरी : लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ एसके सोनकर ने बताया की लाइब्रेरी को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीणों को इससे जोडऩे के लिए कई अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स की रीडिंग हैबिट्स स्कूल टाइम से ही कम हो रही है। डिजिटल लाइब्रेरी की वजह से स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी में पढऩे की जरुरत नहीं है। वह घर पर बैठकर मोबाइल या कम्प्यूटर पर इ-बुक्स पढ़ सकता है।
कुलसचिव पर भडक़ीं कुलपति : स्टेज पर आइजी की स्पीच होने के साथ ही लाइट चली गई। इस पर वह अपना प्रजेंटेशन नहीं दिखा पाए। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने मंच संभालते ही कुलसचिव को व्यवस्था दुरस्त न होने पर फटकार लगाई। साथ ही कुलपति ने मंच से अतिथियों ने माफी भी मांगी।