ग्वालियर

दैनिक जीवन में हो रहा क्रिस्टल का उपयोग

दैनिक जीवन में हो रहा क्रिस्टल का उपयोग

ग्वालियरMar 24, 2019 / 12:43 pm

Mahesh Gupta

ju

जीवाजी यूनिवर्सिटी में सेमिनार
एक्सरे तकनीक रसायन विज्ञान के साथ-साथ भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान फ ार्मोकोलॉजी आदि क्षेत्रों में भी उपयोगी है, जिसकी सहायता से दवाइयों की गुणवत्ता में वृद्धि की जा सकती है। इस तकनीकी का प्रयोग दैनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बायोमॉलिक्यूलस फ ार्मा आभूषण आदि में भी किया जाता है। यह बात स्पीकर के रूप में उपस्थित हावर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका के विभाग प्रमुख प्रो. रेजे बुचर ने सेमिनार में कही। वह एक्सरे क्रिस्टलोग्राफ ी क्रिस्टल स्ट्रक्चर डिटरमिनेशन विषय पर बोल रहे थे। यह सेमिनार जीवाजी यूनिवर्सिटी के रसायन शास्त्र विभाग की ओर से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने की।

तकनीक से क्रिस्टल को समझना आसान

रेजे बुचर ने बताया कि चीनी और नमक भी एक प्रकार के क्रिस्टल हैं। पहली बार इस तकनीक का प्रयोग 1912 में किया गया था। सबसे पहले सोडियम क्लोराइड क्रिस्टल इस तकनीक द्वारा पता लगाया गया। समय के साथ-साथ तकनीकी में वृद्धि होती गई, अब इस तकनीक के माध्यम से क्रिस्टल को समझना और आसान हो गया है। कार्यशाला का संचालन कार्यशाला के संयोजक प्रो. एसके गुप्ता ने किया एवं आभार प्रो. एसके श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।

पूर्व व नवीन तकनीक पर की तुलना

प्रो. बुचर ने पूर्व व नवीन तकनीक की तुलना करते हुए उन्होंने इस तकनीक की कई उपयोगिताओ को बताया। अंत में सभी के लैपटॉप में एक्सरे सॉफ्टवेयर अपलोड करवाया और उसे प्रयोग करना भी सिखाया। कार्यशाला उपरांत सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यशाला में प्रो. राधा तोमर, एके हलवे, एसके श्रीवास्तव, प्रो. रेणु जैन, प्रो. डीडी अग्रवाल एवं डॉ. शान्तिदेव सिसौदिया आदि उपस्थित रहे।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.