कॉलेजों की संबद्धता में गड़बड़ी को लेकर मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया। परिषद कार्यकर्ता इस बात को लेकर कार्यपरिषद बैठक से पहले विवि पहुंच गए और वहां कक्ष के सामने बैठ गए। हंगामा होने पर कुलपति भी उनके पास जाकर बैठ गए। इनके साथ कुलसचिव भी पहुंच गए। यहां जब संबद्धता की फाइल मंगाई गई तो उसमें संबद्धता के निर्धारित शर्तों की अनदेखी का खुलासा हुआ।
कार्यपरिषद से पहले अभाविप के प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता कक्ष के सामने बैठ गए। उनसे बातचीत करने कुलपति, कुलसचिव व कार्य परिषद सदस्य भी जमीन पर बैठ गए।
बिना मान्यता वाले कॉलेज हैं प्रशांत के
कार्यपरिषद की पूर्व बैठक में विवि ने बीएड के 18 में से 16 कॉलेजों की संबद्धता दिए जाने का मामला ही बैठक में रखा गया था, जबकि दो कॉलेज आइडीएल और करहाल कॉलेज का मामला छिपा लिया गया था। यह कॉलेज शासकीय स्कूल के शिक्षक शिक्षक प्रशांत परमार के हैं।
इनके यहां हाल ही लोकायुक्त का छापा भी पड़ा था। बिना निरीक्षण के 200 से अधिक कॉलेजों को संबद्धता देने की बात भी कही जा रही है।
कॉपी खरीदी के टेंडर में गड़बड़ी, दो को नोटिस
डेढ़ घंटे बाद कार्यपरिषद बैठक शुरू हुई। इसमें 18 बीएड कॉलेजों की जांच फिर से कराए जाने पर सहमति बनी। कार्यपरिषद सदस्यों ने कॉपी खरीदी को लेकर आपत्ति करते हुए कहा कि टेंडर की शर्त में गड़बड़ी पर कार्रवाई की जाए।
तब टेंडर शर्तों में छेड़छाड़ करने पर एआर अमित सिसौदिया, कंप्यूटर ऑपरेटर जीतेंद्र नरवरिया को कारण बताओ नोटिस जारी करने व सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
विवि प्रबंधन का कहना था कि पूर्व में लगाए गए 14 टेंडर शर्त को पूरा नहीं कर रहे थे, इसलिए जैम के माध्यम से पांच लाख कॉपियां खरीदने का निर्णय लिया गया। बिल्डिंग कमेटी से हटाए गए दो सदस्यों डॉ शिवेंद्र सिंह राठौर व संगीता कटारे को दोबारा से जोड़ा गया। नवनियुक्त सदस्य प्रदीप शर्मा भी मौजूद रहे।