अवैध वेंडरों की सांठगांठ से चल रहा है पूरा धंधा ट्रेनों में रेलवे की ओर से चलने वाले अधिकृत वेंडरों की सांठगांठ अवैध वेंडरों से होती है। अवैध वेंडर ही अधिकृत वेंडरों को नशे की सामग्री उपलब्ध कराते हैं, जिसमें दोनों का कमीशन शामिल रहता है। अधिकृत वेंडर अपने पास कुछ ही मात्रा में सामान रखते हैं और डिमांड के अनुसार अवैध वेंडर से संपर्क कर सामान मंगवाकर यात्रियों को उपलब्ध करा देते हैं। साथ ही इन वेंडरों का संपर्क अन्य लोगों से भी रहता है। जैसे ही नशे के सामान की डिमांड आती है तो यह वेंडर अपने संपर्क वाले व्यक्ति को सूचना दे देते हैं और अगले स्टेशन पर ही उनका सामान वेंडरों को मिल जाता है। इस तरह से ट्रेनों में अवैध वेंडर और अधिकृत वेंडर के बीच नशा बेचने का काम चल रहा है।
कार्रवाई करवाएंगे
– इस संबंध में पूर्व में भी शिकायत मिली थी, जिस पर वेंडरों की जांच कराकर कार्रवाई की गई थी। इसके बावजूद अगर ट्रेनों में चलने वाले वेंडरों द्वारा नशे का सामान बेचा जा रहा है तो इनकी जांच कराकर संबंधित अधिकारियों को अवगत कराकर नशे का सामान बेचने वाले वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
मनोज कुमार, पीआरओ, रेलवे झांसी मंडल
पहचान कर करेंगे कार्रवाई
– ट्रेन में चलने वाले वेंडर रेलवे प्रोडक्ट के अलावा कोई अन्य सामग्री नहीं बेच सकते हैं। जहां तक नशे की सामग्री बेचने की बात है तो इस संबंध में वेंडर की पहचान की जाएगी और उसकी जांच कराकर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी, जिससे कोई भी वेंडर इस तरह का गलत काम नहीं कर सके।
आनंद पांडेय, टीआइ, आरपीएफ