scriptट्रेनों में खाने के बीच रखकर नशे का सामान बेच रहे वेंडर | Vendors selling intoxicants by keeping food in the middle of trains | Patrika News

ट्रेनों में खाने के बीच रखकर नशे का सामान बेच रहे वेंडर

locationग्वालियरPublished: Nov 14, 2019 07:16:48 pm

ट्रेन में नशा करना और नशे की सामग्री बेचना प्रतिबंधित है। लेकिन रेलवे प्रशासन को गुमराह करने के लिए यात्रियों की सुविधा के लिए चलने वाले वेंडर खाने की सामग्री के साथ नशे की सामग्री भी बेच रहे हैं।

ट्रेनों में खाने के बीच रखकर नशे का सामान बेच रहे वेंडर

ट्रेनों में खाने के बीच रखकर नशे का सामान बेच रहे वेंडर

ग्वालियर. ट्रेनों में अक्सर जहरखुरानी के मामले सामने आते हैं। इसके रोकने के लिए रेलवे प्रशासन विज्ञापन के जरिए यात्रियों को जागरुक करता है। ऐसे में रेल में यदि नशे का सामान मिले तो इसके लिए रेलवे प्रशासन पूरी तरह से दोषी है। क्योंकि ट्रेन में नशा करना और नशे की सामग्री बेचना प्रतिबंधित है। लेकिन रेलवे प्रशासन को गुमराह करने के लिए यात्रियों की सुविधा के लिए चलने वाले वेंडर खाने की सामग्री के साथ नशे की सामग्री भी बेच रहे हैं। यह वेंडर यात्री की डिमांड के अनुसार नशे की सामग्री उपलब्ध करा देते हैं। इसके लिए उनके द्वारा मनमाने पैसे भी वसूले जाते हैं। लेकिन नशे के आदी लोग पैसों की चिंता न करते हुए ज्यादा पैसे देकर वेंडरों से नशे की सामग्री खरीद लेते हैं और चोरी-छिपे ट्रेन में ही इसका सेवन भी करते हैं। वेंडरों द्वारा किए जा रहे नशे के धंधे पर ट्रेन में सुरक्षा के लिए चलने वाले आरपीएफ के जवान ध्यान नहीं देते हैं, इससे वेंडर आसानी से अवैध धंधा करते रहते हैं। पत्रिका रिपोर्टर के स्टिंग में इसका खुलासा हुआ। (पत्रिका के पास वीडियो उपलब्ध है)
पत्रिका रिपोर्टर ने तमिलनाडु एक्सप्रेस में वेंडरों द्वारा बेची जा रही नशे की सामग्री के संबंध में पड़ताल के दौरान देखा कि एक वेंडर कोच से होते हुए गुजरा, तभी एक यात्री ने पीछे से आवाज लगाकर उसे रोका और साइड में ले जाकर कहा कि सिगरेट मिलेगी क्या? इस पर पहले तो वेंडर ने आनाकानी की, लेकिन जब उसे ज्यादा पैसे देने की बात कही तो नमकीन, बिस्किट सहित अन्य खाने की सामग्री के बीच से ही एक सिगरेट निकालकर यात्री को थमा दी और पैसे लेकर जाने लगा। तभी यात्री ने उससे पूछा कि और क्या सामान मिल सकता है? इस पर वेंडर ने कहा कि जो भी सामान चाहिए, वह मिल जाएगा, लेकिन एक्स्ट्रा पैसे देने होंगे और सामान खरीदने के बाद उपयोग चोरी-छिपे ही करना, क्योंकि इसमें हमारी कोई जवाबदारी नहीं रहेगी।
अलग बैग में या फिर सामान में छुपा लेते हैं
ट्रेनों में चलने वाले वेंडर एक्स्ट्रा कमाई के लालच में अपने साथ एक अतिरिक्त बैग रखते हैं, जिसमें नशे की सामग्री रखी जाती है। जैसे ही स्टेशन आता है वेंडर पूरी सामग्री बैग में पैक कर लेते हैं, जिससे चैकिंग हाने पर केवल खाने की ही सामग्र्री मिल सकेे। लेकिन जब ट्रेन स्टेशन से चलने लगती है यही वेंडर नशे की सामग्री बैग से निकालकर खाने की सामग्री के बीच में ही छिपा कर रख लेते हैं और ग्राहक की डिमांड के अनुसार उपलब्ध करा देते हैं।
अवैध वेंडरों की सांठगांठ से चल रहा है पूरा धंधा

ट्रेनों में रेलवे की ओर से चलने वाले अधिकृत वेंडरों की सांठगांठ अवैध वेंडरों से होती है। अवैध वेंडर ही अधिकृत वेंडरों को नशे की सामग्री उपलब्ध कराते हैं, जिसमें दोनों का कमीशन शामिल रहता है। अधिकृत वेंडर अपने पास कुछ ही मात्रा में सामान रखते हैं और डिमांड के अनुसार अवैध वेंडर से संपर्क कर सामान मंगवाकर यात्रियों को उपलब्ध करा देते हैं। साथ ही इन वेंडरों का संपर्क अन्य लोगों से भी रहता है। जैसे ही नशे के सामान की डिमांड आती है तो यह वेंडर अपने संपर्क वाले व्यक्ति को सूचना दे देते हैं और अगले स्टेशन पर ही उनका सामान वेंडरों को मिल जाता है। इस तरह से ट्रेनों में अवैध वेंडर और अधिकृत वेंडर के बीच नशा बेचने का काम चल रहा है।
कार्रवाई करवाएंगे
– इस संबंध में पूर्व में भी शिकायत मिली थी, जिस पर वेंडरों की जांच कराकर कार्रवाई की गई थी। इसके बावजूद अगर ट्रेनों में चलने वाले वेंडरों द्वारा नशे का सामान बेचा जा रहा है तो इनकी जांच कराकर संबंधित अधिकारियों को अवगत कराकर नशे का सामान बेचने वाले वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
मनोज कुमार, पीआरओ, रेलवे झांसी मंडल
पहचान कर करेंगे कार्रवाई
– ट्रेन में चलने वाले वेंडर रेलवे प्रोडक्ट के अलावा कोई अन्य सामग्री नहीं बेच सकते हैं। जहां तक नशे की सामग्री बेचने की बात है तो इस संबंध में वेंडर की पहचान की जाएगी और उसकी जांच कराकर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी, जिससे कोई भी वेंडर इस तरह का गलत काम नहीं कर सके।
आनंद पांडेय, टीआइ, आरपीएफ
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