हालांकि सम्मेलन के दौरान हुए हंगामे के संबंध में पार्षदों ने कलेक्टर के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया है जिसमें आगामी बैठकें नपाअध्यक्ष की अध्यक्षता में नहीं कराए जाने की बात कही गई थी। नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि कुछ पार्षद दबाव बनाने के लिए यह काम कर रहे है। खैर, शनिवार को भाजपा पार्षद, महेन्द्र सिंह राणा, बबली खटीक, रामेश्वर साहू, हरजीत कौर, ममता तोमर सहित करीब २० पार्षदों ने धरना दिया।
इधर, परिषद की आपसी कलह के बीच नगर का विकास
कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। साथ ही यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि अपनी ही अध्यक्ष के विरोध में चुने गए भाजपा के आठ में से पांच पार्षद विरोध में खड़े है।
पहले प्रकरण को लेकर ही हंगामा
सम्मेलन में पहले प्रकरण कर्मचारियों के कामों की समीक्षा को लेकर ही हंगामा खड़ा हो गया था और इसके बाद सम्मेलन को स्थागित करना पड़ा। शनिवार को करीब विरोधी पार्षदों ने एक घंटे तक धरना दिया।
“आज ही मेरें संज्ञान में यह मामला आया है कि विरोध करने वालों में भाजपा के पार्षद भी शामिल है जो कि पार्टी के अनुशासन के दायरें में नहीं आते है इसके लिए उन्हें समझाया जाएगा। शीघ्र ही मामले को निपटने का प्रयास कर नगर के विकास के लिए सभी पार्षदों को जोड़ा जाएगा।”
वीरेन्द्र जैन, जिला ग्रामीण अध्यक्ष भाजपा
“यह विरोध दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है लेकिन मेरी ओर से नियमानुसार ही काम कराए जाएंगे। फिलहाल अभी इस संबंध में कि विरोध करने वालों में भाजपा पार्षद भी शामिल है, किसी पदाधिकायिों को अवगत नहीं कराया गया है।”
आरती मौर्य, नगर पालिका अध्यक्ष