प्रशासन द्वारा अवैध उत्खनन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के अंतर्गत गिट्टी से भरी एक ट्रेक्टर टाली पकड़ी गई थी। जब इसकी सूचना विधायक रक्षा सिरोनिया के पति संतराम सिरोनिया को मिली तो वे उसे छुडाने के लिए अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए थे। इस पर उनका एसडीएम दतिया जेपी गुप्ता से विवाद भी हुआ। इन लोगों का आरोप था कि ट्राली छोडे जाने के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी तथा जातिगत गालियां भी दी जा रही थी। विवाद होने पर संतराम सिरोनिया व अन्य के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डाले जाने का मामला दर्ज कर लिया गया। सात नवंबर को मामला दर्ज होने के चार दिन बाद ही शासन द्वारा एसडीएम जेपी गुप्ता को निवाड़ी स्थानांतरित कर दिया गया। इस स्थानांतरण के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनकर स्थानांतरण पर रोक लगा दी। मुरैना में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें एफआईआर दर्ज होने पर अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया था।