MUST READ : इस शहर में महिलाओं ने पेश की मिशाल, कर रहीं है वो काम जिन पर था कभी पुरुषों का एकाधिकार दरअसल समाज के उत्थान और सुधार के लिए बीते दिनों आदिवासी समाज की महापंचायत में शराबखोरी के खिलाफ लिए निर्णय को न मानने पर मंगलवार की रात समाज के लोगों ने एक बार फिर ग्राम बेरखेड़ी में शराबी को जूतों की माला पहनाई।
शराब पीने वाले युवक ने अपनी गलती स्वीकार की और पुलिस को बयान देते हुए जूते की माला पहनाने की घटना को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वह समाज के निर्णय के खिलाफ जाकर कोई कार्रवाई नहीं कराना चाहता। पीडि़त के परिजनों का कहना था कि सुधार के लिए कठोर फैसले तो लेने ही पड़ेंगे।
MUST READ : अपनी ही सरकार से ये मांग मनवाने के लिए भाजपाई उतरे सड़क पर और की नारेबाजी, ये है इसकी वजह उल्लेखनीय है कि गत 13 सितम्बर को ग्राम करमई चक में महा पंचायत कर निर्णय लिया था कि समाज का कोई भी व्यक्ति शराब पीता या जुआ खेलता मिला तो उसके ऊपर ११ हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा। इस पंचायत के बाद बीती रात ग्राम बेरखेड़ी में सुमरत आदिवासी ने शराब पीकर गाली-गलौंच की तो समाज के लोगों ने पंचायत बुलाई और युवक को समझाया।
पंचायत ने कथित तौर पर निर्णय लिया कि शराब पीने वाले युवक सुमरत को जूते-चप्पलों की माला पहनाई जाएगी ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की हिमाकत न करे। बताया जाता है कि पंचायत के निर्णय को सुमरत ने भी स्वीकार किया और जूते-चप्पलों की माला पहनाए जाने पर उसने खुद भी तालियां बजाईं।
MUST READ : पहले प्यार में फंसाया फिर नाम बदलकर की शादी, अब इस बात के लिए कर रहा है मजबूर, युवती ने पुलिस को बताई पूरी कहानी इस बात की जानकारी जब पुलिस को लगी तो पुलिस भी गांव पहुंची, मामले की तस्दीक की तो सुमरत ने घटना से इंकार कर दिया और बोला कि समाज का निर्णय है वह किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहता। पुलिस के अनुसार सुमरत के परिजनों ने भी घटना से इंकार कर दिया और कहा कि सुधार के लिए कुछ कठोर निर्णय तो लेने पड़ेंगे।
शिकायत आई तो करेंगे कार्रवाई
“जानकारी लगते ही हमने दो टीमें बेरखेडी गांव भेजी, परिजनों के कथन लिए लेकिन उनके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है। वह आपसी मामला है यदि शिकायत आएगी तो कार्रवाई होगी।”
सुजीत सिंह भदौरिया