भाजपा के दिग्गज नेता और संघ से भी बचपन से ही जुड़े रहे है। संघ के कहने पर ही भाजपा ने उन्हें इस बार लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया था। जिसमें उन्हें जीत हासिल की। इससे पहले वह वर्तमान में महापौर भी है। साथ ही भाजपा कई चुनाव भी उन्होंने लड़े है। उनके पिताजी भी ग्वालियर से सांसद रहे थे।
मेयर की कुर्सी के लिए अब आगे क्या होगा
नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 21(1) के तहत जैसे ही मेयर का पद खाली होता है, तो राज्य सरकार,चुनाव आयोग को तत्काल सूचित करेगी। इस प्रकार निर्वाचित व्यक्ति यथास्थिति शेष कार्यकाल के लिए मेयर बनेगा। लेकिन यदि किसी नगर पालिका की शेष कालावधि छह माह से कम है तो ऐसी रिक्ति नहीं भरी जाएंगी।इसी तरह 21(2) के तहत जब तक उपधारा(1) के अधीन मेयर पद नहीं भरा जाए, तब तक के लिए मेयर के सारे अधिकार और कर्तव्य ऐसे निर्वाचित पार्षद द्वारा पालन किए जाएंगे,जैसा कि राज्य सरकार इस काम के लिए निर्दिष्ट करे। ग्वालियर में नगर निगम चुनाव चूंकि इसी साल नवंबर में होना हैं और इसके लिए समय छह माह से कम बचा है, इसलिए मेयर पद के लिए फिलहाल चुनाव नहीं कराया जा सकेगा।