विश्व की नजर आज भारत पर: विश्व की आशा की किरण भारत है। इसलिए छात्रों को विवेकानंद से प्रेरित होकर अपने व्यक्तित्व का निखार करना होगा । प्रो सुविज्ञा अवस्थी ने कहा की मैनेजमेंट छात्रों को अपनी चिंतन शक्ति और कॉग्निटिव क्षमताओं को भी तीव्र करना होगा। क्योंकि विवेकानंद ने कहा था कि व्यक्ति के विचारों से ही व्यक्ति की पहचान होती है। आज के युग में विश्व स्तर पर भारतीय नेतृत्व की आवश्यकता है। आरकेवीएम की छात्रा आरुषि तिवारी और अमृता ने संस्कृत में श्रीमदभगवत गीता का वाचन किया।