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करोड़ों का बिजनेस छोड़ की साधना, आज मेरे पास सब कुछ

locationग्वालियरPublished: Mar 23, 2019 08:00:57 pm

Submitted by:

Harish kushwah

मैंने इंदौर से बीकॉम करने के बाद फूड इंडस्ट्री की शुरुआत की। मेरे अंडर में 400 लोगों की टीम थी। हर साल करोड़ों का टर्नोवर था। बिजनेस में पैसा तो खूब था, लेकिन मन को शुकून नहीं था। इसलिए वहां से रिजाइन देकर खुद में आंतरिक शक्ति को जगाने निकल पड़ा।

interview

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ग्वालियर. मैंने इंदौर से बीकॉम करने के बाद फूड इंडस्ट्री की शुरुआत की। मेरे अंडर में 400 लोगों की टीम थी। हर साल करोड़ों का टर्नोवर था। बिजनेस में पैसा तो खूब था, लेकिन मन को शुकून नहीं था। इसलिए वहां से रिजाइन देकर खुद में आंतरिक शक्ति को जगाने निकल पड़ा। मन और चेतना की शक्ति को जगाने के बाद आज वह सब कुछ मेरे पास है, जिसकी तलाश मैं कराड़ों रुपए कमाने के बाद भी पूरी नहीं कर पा रहा था। यह कहना है परम आलय का, जिन्होंने सन टू ह्यूमन की स्थापना की और आज देशभर में लोगों को सही मार्ग दिखाने का काम कर रहे हैं। वह शनिवार से रंगमहल गार्डन में नि:शुल्क मनुष्य मिलन साधना शिविर की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो 1 अप्रैल तक सुबह 6 से 8 और शाम 6 से 8 बजे तक चलेगा।
बचपन से पढ़ीं विवेकानंद की पुस्तकें

उन्होंने बताया कि मैं बचपन से ही विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, जयकृष्ण मूर्ति, अरविंदो से जुड़ी पुस्तकें पढ़ा करता था। रिजाइन देने के बाद सबसे पहले मैंने बौद्धिक शरीर को सीखा, मन की शक्ति को विकसित किया और चेतना की शक्ति को जगाया। शिविर के माध्यम से मैं यही लोगों को बाताता हूं कि सही आहार, सही व्यायाम और सही ध्यान से आंतरिक शक्ति को जगाया जा सकता है।
पहले शिविर में लोगों ने उड़ाया था मजाक

परम आलय बताते हैं कि मैंने जब 1 जनवरी 2011 से 8 दिन के मनुष्य मिलन साधना शिविर की शुरुआत की, तो लोगों ने उपहास उड़ाया, तो कुछ ने सराहा भी। चंद लोगों की सराहना मेरी ताकत बनी और मैंने पूरे देश में शिविर की शुरुआत कर दी। अभी तक देशभर में 100 से अधिक शिविर कर चुके हैं। आज टीम मेरी में स्टूडेंट से लेकर इंजीनियर, आर्किटेक्ट, शिक्षक, बिजनेसमैन तक शामिल हैं, जो मेरे साथ चलते हैं।
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