डिवाइडरों पर स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है, लेकिन शहर के कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाते समय लापरवाही बरती जा रही है। स्ट्रीट लाइट के पोल के नीचे खुले तार छोड़ दिए गए हैं, जिससे हमेशा खतरा मंडराता रहता है। डिवाइडर पर घास लगी है, जिसके कारण यहां जानवर भी आ जाते हैं, ऐसे में उन्हें करंट लगने का खतरा है। शहर में कई मामले हो चुके हैं, जिसमें करंट से लोगों की मौत तक हो चुकी है, इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कलेक्टर ने सभी विभागों को बारिश के दौरान सावधानी बरतने को कहा है, जो तार खुले हैं उन्हें कवर करने के लिए भी कहा है, जिससे किसी प्रकार की घटना होने से बच सके, इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
कृषि विश्वविद्यालय : आकाशवाणी तिराहे से कृषि विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग पर डिवाइडर पर कई जगहों पर विद्युत पोल के तार खुले हैं। इन्हें कवर करने के लिए टेप तक नहीं लगाया गया है। तार खुले होने के कारण जरा सी बारिश में करंट फैलने का खतरा बना रहता है।
गांधी रोड : यह शहर का वीआईपी एरिया है। यहां न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिकारियों के बंगले हैं, इसके बावजूद डिवाइडर पर लगे पोलों के तार खुले पड़े हैं। जिससे घटना होने की आशंका रहती है।