सोमवार शाम छह बजे एचडीएफसी बैंक के सामने जब पत्रिका की टीम कलाकारों के साथ पहुंची, तो वहां मौजूद लोगों में यह जानने की जिज्ञासा बढ़ गई। कलाकार अरुण अपेक्षित ने एक शराबी की भूमिका निभाते हुए कहा कि इन दिनों तो अपनी चक में चल रही है, क्योंकि चुनाव आ गए।
इस बीच अतुल गौड़ व अभिनंदन जैन ने कहा कि यह चुनाव पांच साल में एक बार क्यों आते हैं? यदि हर महीने आएं तो अपनी तो हमेशा चक रहेगी। इस बीच हरवंश त्रिवेदी ने कहा कि ऐसे लोकतंत्र कैसे स्वस्थ होगा, जब शराब या दूसरे लालच में फंसकर आप लोग वोट देंगे?। इस बीच अशोक अग्रवाल ने कहा कि हमारी पार्टी को वोट दो तो हम सबको चकाचक कर देंगे, तो दूसरे कलाकारों ने कहा कि हर पांच साल में नेता ऐसे ही वायदे करने आते हैं, लेकिन हम अपना वोट अच्छे प्रत्याशी को चुनकर देंगे।
कलाकार अरुण अपेक्षित ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की सबसे बड़ी ताकत उसका वोट होता है, जिसे नेता तो पहचान गए, लेकिन हमारा मतदाता अभी तक नहीं समझ पाया। जो लोग खुद को समझदार व बुद्धिजीवी मानते हैं, वो ही अक्सर वोट डालने नहीं जाते। जब उनसे पूछो तो वे कहते हैं कि हमारे एक वोट से क्या होगा?। लेकिन जो लोग शराब या अन्य लालच में पड़ जाते हैं, वो वोट देने जरूर जाते हैं।
इसलिए लोकतंत्र में नेता तो वो लोग चुन रहे हैं, जो अपना तत्काल लाभ देखकर वोट देते हैं। यदि हर कोई यह बात समझ ले कि उसका वोट कितना महत्वपूर्ण है और वो सब काम छोडक़र सबसे पहले वोट देकर लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभाए, तो अच्छे प्रत्याशी चुनकर सामने आएंगे। हम सभी को अपने वोट की कीमत समझते हुए उसका उपयोग करना चाहिए, तभी न केवल यह क्षेत्र, बल्कि जिला, प्रदेश और देश में लोकतंत्र स्वस्थ व मजबूत बनेगा।
दो गीतों का भी हुआ गायन
मतदाता जागरुकता के लिए बनाए गए दो गीतों का भी इस मौके पर गायन किया गया। जब गीत शुरू हुए तो वहां मौजूद लोगों में से कई लोग इतने मंत्रमुग्ध हो गए, कि वे खुद उसमें नृत्य करने शामिल हो गए। चलों करें मतदान व आओ चुने स्वस्थ लोकतंत्र के गीत प्रस्तुत किए गए।
मतदाता जागरुकता के लिए बनाए गए दो गीतों का भी इस मौके पर गायन किया गया। जब गीत शुरू हुए तो वहां मौजूद लोगों में से कई लोग इतने मंत्रमुग्ध हो गए, कि वे खुद उसमें नृत्य करने शामिल हो गए। चलों करें मतदान व आओ चुने स्वस्थ लोकतंत्र के गीत प्रस्तुत किए गए।