मदर-फादर के साथ आऊंगा ग्वालियर यदि हम जैसे युवा ही ये सोच लें कि एक वोट से क्या होगा, तो शायद उसी दिन से लोकतंत्र की ताकत खत्म हो जाएगी। मुझे ग्वालियर से बाहर निकले लंबा समय हो गया, लेकिन मैंने आज तक एक भी इलेक्शन मिस नहीं किया। मेरी फैमिली लाला का बाजार में रहती है। मैं अपनी अपनी मदर नीलम, फादर हरिश्चन्द्र के साथ ग्वालियर आ रहा हूं।
जगदीश कुकरेजा, दिल्ली जरूरी काम कलीग को सौंपकर ली छुट्टी मैं सनावत में आईडीबीआई बैंक में मैनेजर पद पर हूं। इन दिनों बैंक में काम का प्रेशर बहुत है, छुट्टी मिल पाना मुश्किल थी, लेकिन मेरे लिए काम के साथ ही वोट डालना भी जरूरी था। इसलिए मैंने प्लान बनाया। मुझे खुशी है कि मैं लोकतंत्र के महाउत्सव का हिस्सा बनूंगा। मैं अपनी वाइफ प्रेरणा मित्तल के साथ ग्वालियर आ रहा हूं।
अंशुल मित्तल, इंदौर सही प्रत्याशी चुनने के लिए डालूंगा वोट मैं पिछले 13 साल से ग्वालियर से बाहर हूं। एक से डेढ़ साल में मेरा ग्वालियर आना होता है, लेकिन इलेक्शन टाइम पर अपने मत का उपयोग करने मैं ग्वालियर जरूर आता हूं। इस बार भी मैं अपनी फैमिली आस्था और बच्चों के साथ ग्वालियर आऊंगा और सही प्रत्याशी को वोट करूंगा। ग्वालियर के बारे में जानकारी मैं अपने दोस्तों से लेता रहता हूं।
विजय मेहता, हैदराबाद फंक्शन अटेंड करने के साथ डालूंगी वोट मैं एमिटी स्कूल दिल्ली में टीचिंग करती हूं। हमारा किडीज कॉर्नर की एल्युमिनी मीट है, जिसमें मैं पार्टिसिपेट करूंगी। यह प्रोग्राम ही ऐसे तय किया गया, जिससे हम सभी मिल भी लें और वोट भी डाल सकें। यह इनिशिएटिव मेरे फ्रेंड जीतेन्द्र जाजू का है, हम कई फ्रेंड्स प्रोग्राम में शामिल होने के साथ वोट भी डालेंगे। मेरी फैमिली हुजरात पुल पर रहती है।
रीना साहू, दिल्ली वोट डालकर 13 की नाइट रिटर्न वोट करना हमारा अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है। यही कारण है कि समय न होने के बाद भी मैं ग्वालियर आ रही हूं। मैं और मेरे हसबैंड तिरुपति दोनों डॉक्टर हैं, हमारे यहां न रहने से कई पेशेंट परेशान होंगे, लेकिन हमारा वोट भी जरूरी है। इसलिए हमारी फैमिली ने दो दिन ग्वालियर आने का प्लान बनाया। 13 की नाइट को हम रिटर्न हो जाएंगे।
आशिमा भटनागर, हरदोई शहर की दशा सुधारने वाले को करूंगा वोट हमारे पास एक ही राइट बचा है, जिसे हम खोना नहीं चाहते। मैं 2014 के लोकसभा चुनाव में भी ग्वालियर आया था। मैं अपना प्रोग्राम ही ऐसे फिक्स करता हूं, जिससे एक साथ दोनों काम हो सकें। इस समय शहर को हमारे वोट की जरूरत है। सही प्रत्याशी ही हमारे शहर की दुर्दशा सुधार सकता है। मेरे अंकल आंटी नया बाजार में रहते हैं।
पियूष बंसल,दिल्ली जिद करने पर मिल गई परमीशन मैं एक मल्टीनेशनी कंपनी में जॉब करती हूं। मैंने जब तीन दिन छुट्टी की अप्लीकेशन लगाई, तो कैंसिल हो गई। लेकिन जब मैंने अपने बॉस से वोटिंग की बात कही और जाने की जिद की, तो परमीशन मिल गई। वोट हमारी ताकत है। इसे व्यर्थ नहीं जाने देंगे। मेरे मम्मी-पापा विनय नगर में रहते हैं। उन्हीं के साथ वोट डालने जाऊंगी।
नीलम मोटवानी,पुणे वोटिंग के साथ री यूनियन में शामिल मैं हाउसवाइफ हूं, लेकिन अपने वोट की ताकत पहचानती हूं। घर के अंदर रहकर राजनीति की पूरी खबर रखती हूं। आज हमारे ग्वालियर को सही नेतृत्व की जरूरत है। यह तभी होगा, जब हमारे द्वारा चुना गया सांसद सही होगा। 12 और 13 मई को हमारे स्कूल का एक फंक्शन है, जिसे मैं अटेंड करूंगी। इसके साथ ही मैं वोट भी डालूंगी।
एकता, मुंबई