गैराज में कोई फायर सिस्टम नहीं होने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि गैराज से मात्र 30 मीटर की दूरी पर पेट्रोल पंप था। अगर आग पर समय रहते काबू नहीं किया जाता और लपटें पेट्रोल पंप तक आ जातीं तो भयानक हादसा हो सकता था।
पंप के पास ठेला लगाने वाले राहुल जाटव ने बताया गैराज से धुआं उठता देखा तो लगा किसी ने कचरे में आग लगाई है, लेकिन फिर गैराज में भगदड़ मची, कर्मचारी मैदान में खड़ी कारों को खींच रहे थे। आस पास के लोग डर गए कि लपटें अगर पंप तक आ गईं तो हालात भयानक हो जाएंगे। इसी अंदेशे में गैराज के पास मल्टी में रहने वाले लोग डरकर घरों से निकल आए।
गैराजकर्मियों का कहना है जिन कारों में आग लगी उनमें तीन पूरी तरह कबाड़ थीं, सिर्फ एक लक्जरी कार रनिंग कंडीशन में थी। कंडम कारें गैराज के मैदान में दीवार के पास महीनों से खड़ी थीं।
बाउंड्री के पीछे मैदान है, उसमें नशेडि़यों का जमावड़ा रहता है। आशंका है किसी ने दीवार के दूसरी तरफ से माचिस की जलती हुई तीली या सिगरेट फेंकी है। उस वक्त गैराज के कर्मचारी लंच पर थे, इसलिए कोई देख नहीं सका।
रेलवे क्रॉसिंग पर लगा जाम
पेट्रोल पंप के पीछे आग लगने से हड़कंप मच गया। मरीमाता महलगांव रेलवे क्रॉसिंग पर तमाशबीनों की भीड़ लग गई, इससे जाम लग गया और दमकलों को आने-जाने में काफी दिक्कत हुई।
जिन कारों में आग लगी वह एक दूसरे के पास खड़ी थीं, आशंका है कि किसी कार के ईधन टैंक में काफी तेल रहा है, उससे आग तेजी से भड़की और आसपास खड़े बाकी वाहनों को चपेट में लिया। हालांकि गैराज स्टाफ खाक हुए किसी भी वाहन में पेट्रोल, डीजल होने से इंकार कर रहा है।
आग लगने का स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल सका है। लोगों के अलग-अलग अनुमान हैं। हमने आग को कंट्रोल कर लिया है। 17 अन्य कारें जो वहां पर रखी हुई थीं, वह बचा ली गई हैं।
उमंग प्रधान, फायर ऑफिसर फायर ब्रिगेड नगर निगम।
शहर में प्रतिष्ठानों को अपने यहां आग से सुरक्षा के लिए अग्निशमन यंत्र रखने चाहिए, ताकि फायर ब्रिगेड के आने से पहले आग पर कंट्रोल किया जा सके। हम इस मामले में संबंधित लोगों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहे हैं।
अतिबल सिंह यादव, नोडल अधिकारी फायर ब्रिगेड