पानी पर तनाव : बरई में किसानों ने तोड़ी नहर,विधायक फिर पानी ले गए हिम्मतगढ़

monu sahu | Publish: Sep, 12 2018 10:38:34 AM (IST) Gwalior, Madhya Pradesh, India
पानी पर तनाव बरई में किसानों ने तोड़ी नहर,विधायक फिर पानी ले गए हिम्मतगढ़
ग्वालियर। बारिश से पानी आने के बाद अब उसके बंटवारे को लेकर तनाव के हालात पैदा हो रहे हैं। पेहसारी से ग्वालियर तक सांक स्वर्ण रेखा लिंक नहर से पानी लेने के लिए किसान नहर को तोडऩे पर आमादा हो रहे हैं। हाल ही में बरई के पास नहर को तोडक़र किसान पानी को बरई के ताल में ले गए। जब यह बात हिम्मतगढ़ के लोगों को पता चली तो वह भी पानी के दावे के लेकर सक्रिय हो गए।
जल संसाधन विभाग के अफसरों ने कांग्रेस विधायक लाखन सिंह के हस्तक्षेप के बाद बाद नहर के टूटे हुए हिस्से को अस्थाई तौर पर बोरी बंधान से पैक कर दिया है, इसके बाद पानी आगे की ओर बढ़ गया है, लेकिन समस्या यह है कि इस पानी में से एक बूंद भी ग्वालियर शहर की सीमा में शामिल बांधों को भरने के लिए नहीं छोड़ा जा रहा है, पूरा पानी हिम्मतगढ़ जा रहा है। इसके चलते रायपुर बांध, मामा का बांध, वीरपुर बांध पूरे नहीं भर सके हैं।
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बरई गांव के पास नहर तोडक़र किसान बरई के ताल में पानी ले गए हैं। इस ताल को आमी का ताल भी कहते हैं, जो करीब ३ फीट खाली रह गया है।
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नून पिकअप वियर
से ग्वालियर शहर के लिए पानी को अफसरों ने बंद करते हुए हिम्मतगढ़ की ओर मोड़ दिया है, इसके चलते पानी शहर की ओर नहीं बढ़ रहा है।
पुलिस के सामने छोड़ें पानी
इस मामले में हिम्मतगढ़ बांध के लिए पानी छोडऩे की निगरानी पुलिस से कराए जाने की मांग हिम्मतगढ़ के लोगों ने की है। इसके लिए मां गंगा जनसेवा समिति की ओर से कलेक्टर और मुख्यअभियंता को ज्ञापन भेजकर मांग अशोक सिंह, राकेश, निरपत ङ्क्षसह, बलराम, रतिराम, परशुराम सिंह आदि ने की है।सुबोध पटेल आदि शामिल रहे।
"नहर को पहले बरई के लोग तोडक़र पानी ले लिया, अब हिम्मतगढ़ पानी जा रहा है। अफसरों को हिम्मतगढ़ और ग्वालियर के लिए बराबर पानी छोडऩा चाहिए, ताकि कोई विवाद की स्थिति न रहे।"
भूपेंद्र सिंह कुशवाह, एक्सपर्ट सांक स्वर्ण रेखा लिंक नहर
"हिम्मतगढ़ को ही पानी दिया जा रहा है, यह शहर के साथ धोखा है। नहर को शहर के लिए नहीं खोला गया तो वीरपुर, हनुमान बांध, मामा का बांध नहीं भर सकेंगे।"
राजबहादुर सिंह, संभागीय अध्यक्ष, कुशवाह महासभा ग्वालियर
"बरई और हिम्मतगढ़ के लोगों के बीच पानी को लेकर उपजे तनाव को दूर कर रहे हैं। बरई का ताल भर गया है, वहां लोगों ने पानी देने के लिए सहमति जताई है। अब हिम्मतगढ़ पानी लेकर जा रहे हैं।"
लाखन विधायक, कांग्रेस विधायक भितरवार
"हमने बरई में नहर को बंद करा दिया है और किसानों को समझा दिया है। हम हिम्मतगढ़ और शहर के बाधों को भरने के लिए काम कर रहे हैं।"
राजेश चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग
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