scriptबिजली कार्यालयों में नहीं कराई गई वाटर हार्वेस्टिंग | Water Harvesting not done in power offices | Patrika News

बिजली कार्यालयों में नहीं कराई गई वाटर हार्वेस्टिंग

locationग्वालियरPublished: Jul 22, 2019 01:51:41 am

सरकारी व गैर सरकारी बिल्डिंगों पर वाटर हार्वेस्टिंग कराई जानी है। अधिकारियों ने वाटर हार्वेस्टिंग कराने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की है। यही कारण है कि हर साल बारिश के सीजन में लाखों गैलन पानी इन दफ्तरों की छतोंं से नालियों में बह जाता है।

Water harvesting

बिजली कार्यालयों में नहीं कराई गई वाटर हार्वेस्टिंग

ग्वालियर. गर्मी के सीजन में शहरवासी पीने के पानी के लिए तरस जाते हैं। हर साल भूजल स्तर गिर रहा है, जिससे नगरीय क्षेत्र के पंप बोर सूख रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकारी व गैर सरकारी बिल्डिंगों पर वाटर हार्वेस्टिंग कराई जानी है। शहरी क्षेत्र में बिजली कंपनी के 18 जोन कार्यालय हैं, इसके अलावा मुख्य महाप्रबंधक व महाप्रबंधक शहरी वृत्त के दफ्तर हैं। इन दफ्तरों में बिजली कंपनी के अधिकारियों ने वाटर हार्वेस्टिंग कराने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की है। यही कारण है कि हर साल बारिश के सीजन में लाखों गैलन पानी इन दफ्तरों की छतोंं से नालियों में बह जाता है।
बिजली कंपनी ने शहर को चार हिस्सों में बांटा है, जिनमें ईस्ट, नॉर्थ, सेंट्रल और साउथ डिवीजन हैं। इन चारों डिवीजनों में १८ जोन ऑफिस हैं। यहां हर रोज कर्मचारी व अधिकारी सहित उपभोक्ताओं की आवाजाही होती है। इसके अलावा रोशनी घर महाप्रबंधक कार्यालय और मोतीझील पर मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय है। इन दफ्तरों पर वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था बिजली अफसरों की ओर से नहीं की गई है। इन दफ्तरों में पीने के पानी की बोरिंग या फिर नगर निगम द्वारा सप्लाई की जाने वाली पेयजल व्यवस्था है। इन दफ्तरों पर तैनात कर्मचारी-अधिकारी शहर के गिरते भूजल स्तर को बचाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि न्यायालय का सख्त आदेश है कि हर सरकारी विभाग को वाटर हार्वेस्टिंग करानी होगी।
बिजली कंपनी के अलावा शहर के ऐसे कई विभाग हैं, जहां पर वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर अब तक गंभीरता नहीं दिख रही है। बिजली अफसर भी लकीर के फकीर बने हुए हैं। वे शहरी क्षेत्र के विकास और गिरते भूजल स्तर में सुधार के लिए अपनी ओर से कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि हर सब स्टेशन पर बिजली सप्लाई के दौरान अर्थिंग की जरूरत होती है। कुछ सब स्टेशन ऐसे हैं जहां अर्थिंग को लेकर परेशानी बनी हुई है। वाटर लेवल नीचे चले जाने से बोरिंग सूख गई हैं।
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