scriptपरिस्थितियां उलट हों तब भी हमें धर्म का मार्ग नहीं छोडऩा चाहिए | We should not leave the path of religion even if the circumstances are | Patrika News

परिस्थितियां उलट हों तब भी हमें धर्म का मार्ग नहीं छोडऩा चाहिए

locationग्वालियरPublished: Feb 25, 2020 11:39:25 pm

Submitted by:

Narendra Kuiya

– दानाओली स्थित चंपाबाग जैन मंदिर में धर्मसभा में बोले मुनि विहर्ष सागर महाराज

परिस्थितियां उलट हों तब भी हमें धर्म का मार्ग नहीं छोडऩा चाहिए

परिस्थितियां उलट हों तब भी हमें धर्म का मार्ग नहीं छोडऩा चाहिए

ग्वालियर. संस्कार को स्वभाव में उतारें, उच्च विचार की बात करने से काम नहीं चलेगा। हमारे अंदर मानवता होगी तभी हम दूसरों का भला कर सकेंगे। भौतिक सुख-सुविधाएं ढूंढने से ईश्वर नहीं मिलेगा। ईश्वर हमारे हर पल की समीक्षा करता है और उसी के अनुसार फल देता है। जब परिस्थितियां उलट हों तो हमें धर्म का मार्ग नहीं छोडऩा चाहिए। हमेशा अपने संस्कारों से जुड़े रहना चाहिए। जीवन में मुस्कुराते रहने से अनेक समस्याओं का समाधान हो जाता है। उक्त उद्गार मुनि विहर्ष सागर महाराज ने मंगलवार को दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मदिर में जैन मिलन ग्वालियर के मंगल प्रवेश के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए। इस मौके पर मुनि वियजेश सागर एवं क्षुल्लक विश्वोत्तर महाराज मौजूद थे।
मुनि विहर्ष सागर ने कहा कि मन के जीते जीत है और मन के हारे हार। मन को कैसे नियंत्रण में रखना है, इसका जुनून चाहिए। व्यक्ति मंदिर में जाए और वहां मन एकाग्र हो जाए तो तुम्हारा निर्वाण हो जाएगा तो आश्चर्य नहीं होगा। मनुष्य को मन पर कैसे नियंत्रण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच इंद्रीय रूपी घोड़ा तुम्हारे पास है और आत्मा इसमें विराजमान है, हमारे पास परमात्मा का यह रथ है, मन को मारो मत, इसे सुधारो। मन एक दिन मानकर महात्मा से परमात्मा हो जाएगा। बुराई की तरफ मन जाए तो परिणाम सामने रखो। मन कभी भी गलत काम करने के लिए सुझाव नहीं करता।
मुनिश्री का मंगल प्रवेश, पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मुनि विहर्ष सागर ससंघ मंगलवार को सुबह चितेरा ओली माधौगंज से पद विहार कर दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मंदिर में गाजे-बाजे के साथ मंगल प्रवेश किया। मुनि जिन मार्गों से निकले उस मार्ग पर संतरगी फूलों और रंगो से रंगोली सजाकर जैन समाज के श्रद्धालुओं ने पाद प्रक्षालन और आरती उतारकरआर्शीवाद लिया।
विजयेश सागर की 9 वीं मुनिदीक्षा जयंती 27 को
मुनि विजयेश सागर का 9 वीं मुनिदीक्षा जंयती 27 फरवरी को दोपहर 1 बजे से नई सडक़ स्थित चंपाबाग धर्मशाला में मुनि विहर्ष सागर एवं क्षुल्लक विशोत्तर सागर के सानिध्य में बनाई जाएंगी। जिसमें बाहर से काफी गुरूभक्त आएंगे। मुनिश्री के मंगल प्रवचन कार्यक्रम 26 फरवरी को सुबह 8.30 बजे से दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मदिर में रहेगा।
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