मराठी को आगे बढ़ाने करते हैं कई आयोजन
हम मराठी समाज के लगभग 5 हजार परिवार कई पीढिय़ों से शहर में रह रहे हैं। हमारी बोलचाल की भाषा भले ही हिंदी हो, लेकिन हम प्यार अपनी भाषा मराठी से ही करते हैं। घर पर, आयोजनों में मराठी में बात करते हैं। हमने एक नारा दिया है ‘बोला मराठी, जपा मराठी’। इसका मतलब है मराठी को संभालकर रखो। हमारे समाज में कई त्योहार हैं, जो अलग तरीके से मनाए जाते हैं। उनसे हम बच्चों को जोड़ते हैं। मराठी को आगे बढ़ाने के लिए समाज की ओर से काव्य मंजूषा, अभिनव वाचक स्पर्धा, शरद व्याख्यान माला आदि होते हैं।
सुरेश घोडक़े, कार्यकारिणी सदस्य, महाराष्ट्र समाज
हम मराठी समाज के लगभग 5 हजार परिवार कई पीढिय़ों से शहर में रह रहे हैं। हमारी बोलचाल की भाषा भले ही हिंदी हो, लेकिन हम प्यार अपनी भाषा मराठी से ही करते हैं। घर पर, आयोजनों में मराठी में बात करते हैं। हमने एक नारा दिया है ‘बोला मराठी, जपा मराठी’। इसका मतलब है मराठी को संभालकर रखो। हमारे समाज में कई त्योहार हैं, जो अलग तरीके से मनाए जाते हैं। उनसे हम बच्चों को जोड़ते हैं। मराठी को आगे बढ़ाने के लिए समाज की ओर से काव्य मंजूषा, अभिनव वाचक स्पर्धा, शरद व्याख्यान माला आदि होते हैं।
सुरेश घोडक़े, कार्यकारिणी सदस्य, महाराष्ट्र समाज
आयोजनों में करते हैं सिर्फ पंजाबी में बात
हमारी तीसरी पीढ़ी ग्वालियर में रह रही है। जब भी हम पंजाबी समाज के लोग साथ मिलते हैं तब पंजाबी में ही बात करते हैं। मीटिंग में किसी को पंजाबी के बिना बोलने की अनुमति नहीं है। घर पर पंजाबी में ही बात की जाती है। स्कूल में बच्चे भले ही हिंदी और इंग्लिश पढ़ें, लेकिन घर पर हम उन्हें पंजाबी सिखाते हैं। हम लोहणी, बैशाखी, दिवाली मिलन समारोह, अच्छे से सेलिब्रेट करते हैं। बच्चों को अपने त्योहारों और भाषा से परिचित करा रहे हैं।
अजय सप्रा, उपाध्यक्ष, पंजाबी परिषद
साल में कराते हैं विभिन्न स्पर्धा, शहीदों से भी परिचय
घर व सामाजिक आयोजनों में हम सिंधी भाषा में ही बात करते हैं। अपनी भाषा को आगे बढ़ाने व बच्चों और युवाओं को जोडऩे के लिए सिंधी भाषा में कई कार्यक्रम कराते हैं। इनमें गीत, गायन प्रतियोगिता, सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा, सिंधी शहीदों के जीवनी का प्रकाशन करते हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हेमू कालानी का जन्मोत्सव और पुण्यतिथि मनाते हैं। सिंधी खानपान पर कुकिंग कॉम्पीटिशन होता है। यह सिंधी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास है।
डॉ. वीके कुंदवानी, प्रदेश अध्यक्ष, सिंधु विकास परिषद
हमारी तीसरी पीढ़ी ग्वालियर में रह रही है। जब भी हम पंजाबी समाज के लोग साथ मिलते हैं तब पंजाबी में ही बात करते हैं। मीटिंग में किसी को पंजाबी के बिना बोलने की अनुमति नहीं है। घर पर पंजाबी में ही बात की जाती है। स्कूल में बच्चे भले ही हिंदी और इंग्लिश पढ़ें, लेकिन घर पर हम उन्हें पंजाबी सिखाते हैं। हम लोहणी, बैशाखी, दिवाली मिलन समारोह, अच्छे से सेलिब्रेट करते हैं। बच्चों को अपने त्योहारों और भाषा से परिचित करा रहे हैं।
अजय सप्रा, उपाध्यक्ष, पंजाबी परिषद
साल में कराते हैं विभिन्न स्पर्धा, शहीदों से भी परिचय
घर व सामाजिक आयोजनों में हम सिंधी भाषा में ही बात करते हैं। अपनी भाषा को आगे बढ़ाने व बच्चों और युवाओं को जोडऩे के लिए सिंधी भाषा में कई कार्यक्रम कराते हैं। इनमें गीत, गायन प्रतियोगिता, सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा, सिंधी शहीदों के जीवनी का प्रकाशन करते हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हेमू कालानी का जन्मोत्सव और पुण्यतिथि मनाते हैं। सिंधी खानपान पर कुकिंग कॉम्पीटिशन होता है। यह सिंधी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास है।
डॉ. वीके कुंदवानी, प्रदेश अध्यक्ष, सिंधु विकास परिषद