कैसे होंगे ये काम
– एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यक्ति, पार्टनरशिप फर्म, ट्रस्ट, सोसायटी और कॉरपोरेशन को टीडीएस रिपोर्ट फाइल करनी होती है। इसकी अंतिम तारीख 30 जून है।
– 2.5 लाख से अधिक आय वाले सभी व्यक्तिगत करदाता, सभी कंपनियां और पार्टनरशिप फर्म सभी को आयकर रिटर्न जमा करना होता है। इसकी आखरी तारीख 30 सितंबर है।
– चेरिटेबल ट्रस्ट और सोसायटी को नए रजिस्टे्रशन की सीमा 30 जून को खत्म हो रही है।
– साढ़े सात लाख से अधिक की राशि विदेश भेजने के लिए करदाता को 15 सीए, सीबी फॉर्म अपने सीए के जरिए फाइल करना होता है, लेकिन पोर्टल हैंग होने से वह नहीं हो रहा है।
– एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यक्ति, पार्टनरशिप फर्म, ट्रस्ट, सोसायटी और कॉरपोरेशन को टीडीएस रिपोर्ट फाइल करनी होती है। इसकी अंतिम तारीख 30 जून है।
– 2.5 लाख से अधिक आय वाले सभी व्यक्तिगत करदाता, सभी कंपनियां और पार्टनरशिप फर्म सभी को आयकर रिटर्न जमा करना होता है। इसकी आखरी तारीख 30 सितंबर है।
– चेरिटेबल ट्रस्ट और सोसायटी को नए रजिस्टे्रशन की सीमा 30 जून को खत्म हो रही है।
– साढ़े सात लाख से अधिक की राशि विदेश भेजने के लिए करदाता को 15 सीए, सीबी फॉर्म अपने सीए के जरिए फाइल करना होता है, लेकिन पोर्टल हैंग होने से वह नहीं हो रहा है।
करदाताओं को सता रहा पेनल्टी का डर
आयकर विभाग का नया पोर्टल लगातार हैंग हो रहा है और करदाता अपने काम नहीं पूरे कर पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विभाग से नोटिस आ रहे हैं कि जवाब दाखिल करो, नहीं तो पेनल्टी लगेगी। ऐसे में करदाताओं को पेनल्टी लगने का डर भी सता रहा है।
आयकर विभाग का नया पोर्टल लगातार हैंग हो रहा है और करदाता अपने काम नहीं पूरे कर पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विभाग से नोटिस आ रहे हैं कि जवाब दाखिल करो, नहीं तो पेनल्टी लगेगी। ऐसे में करदाताओं को पेनल्टी लगने का डर भी सता रहा है।
समस्या खड़ी कर दी है नए पोर्टल ने
आयकर विभाग का नया पोर्टल करदाताओं को राहत देने की बजाय कोरोना काल में उनके लिए समस्या खड़ी कर रहा है। न ही उन्हें रिफंड मिल पा रहे हैं और न ही टीडीएस के रिटर्न फाइल हो पा रहे हैं और ना ही आइटीआर आधार से वेरीफाइ हो पा रहे हैं। ये पोर्टल सीए के साथ-साथ करदाताओं के जी का जंजाल बन गया है। कुछ समय तक पुराने पोर्टल को ही चालू रखा जाना चाहिए था। सरकार नया पोर्टल लेकर आई ऐसे में विकल्प के रूप में पुराने को अस्तित्व में रखा जा सकता था।
– नितिन पहारिया, चार्टर्ड अकाउंटेंट
आयकर विभाग का नया पोर्टल करदाताओं को राहत देने की बजाय कोरोना काल में उनके लिए समस्या खड़ी कर रहा है। न ही उन्हें रिफंड मिल पा रहे हैं और न ही टीडीएस के रिटर्न फाइल हो पा रहे हैं और ना ही आइटीआर आधार से वेरीफाइ हो पा रहे हैं। ये पोर्टल सीए के साथ-साथ करदाताओं के जी का जंजाल बन गया है। कुछ समय तक पुराने पोर्टल को ही चालू रखा जाना चाहिए था। सरकार नया पोर्टल लेकर आई ऐसे में विकल्प के रूप में पुराने को अस्तित्व में रखा जा सकता था।
– नितिन पहारिया, चार्टर्ड अकाउंटेंट