scriptबोटिंग की योजना बना रहे थे 15 दिन में सीवर का पानी भी नहीं निकाल पाए | Were planning to boating, could not even remove sewer water in 15 days | Patrika News

बोटिंग की योजना बना रहे थे 15 दिन में सीवर का पानी भी नहीं निकाल पाए

locationग्वालियरPublished: Dec 08, 2019 01:36:55 am

Submitted by:

Rahul rai

स्वर्ण रेखा में साफ पानी बहाने का दावा कर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। निगम ने गंदा पानी नहीं रहे, इसलिए उसकी टेपिंग करा दी। इसके साथ ही एक करोड़ की लागत से सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगवा दिया, लेकिन 15 दिन से अधिक हो गए, स्वर्ण रेखा में सीवर का पानी आ रहा है।

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बोटिंग की योजना बना रहे थे 15 दिन में सीवर का पानी भी नहीं निकाल पाए,बोटिंग की योजना बना रहे थे 15 दिन में सीवर का पानी भी नहीं निकाल पाए

ग्वालियर।फूलबाग बारादरी को प्रशासन और नगर निगम अधिकारी टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने की बात कह रहे थे, उसी क्षेत्र से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। स्वर्ण रेखा में कई दिनों से सीवर का पानी आ रहा है, इसे रोकने में निगम नाकाम साबित हो रहा है। निगम और ठेकेदार की आपसी खींचतान में लोग बदबू से परेशान हो रहे हैं।
स्वर्ण रेखा में साफ पानी बहाने का दावा कर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। निगम ने गंदा पानी नहीं रहे, इसलिए उसकी टेपिंग करा दी। इसके साथ ही एक करोड़ की लागत से सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगवा दिया, लेकिन 15 दिन से अधिक हो गए, स्वर्ण रेखा में सीवर का पानी आ रहा है। जिसके कारण फूलबाग के आसपास के क्षेत्र में बदबू से लोगों का बुरा हाल है। जबकि यहां बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। सीधे सीवर का पानी स्वर्ण रेखा में आने के कारण ट्रीटमेंट प्लांट में भी सीवर का पानी नहीं आ रहा है, जिसके कारण पानी का ट्रीटमेंट भी नहीं हो पा रहा है।
निगमायुक्त ने दिए थे सौंदर्यीकरण के निर्देश
फूलबाग बारादरी और उसके आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के साथ निगमायुक्त ने यहां सफाई के निर्देश थे। इसके साथ ही बैजाताल की तर्ज पर यहां पर भी बोट चलाने की तैयारी थी, लेकिन यहां सीवर का पानी भरा है। सीवर लाइन चोक होने से यह समस्या हो रही है, इसे निगम ठीक नहीं करा पाया है।

अमृत के ठेकेदार को नोटिस दिया है, अगर जल्द उसने इसे ठीक नहीं कराया तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद निगम खुद सीवर की सफाई कराएगा।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री पीएचई नगर निगम

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