ऐसा क्या हुआ कि जनता ने लूट ली शराब की बोतलें
ग्वालियरPublished: Apr 06, 2022 07:03:30 pm
नई शराब की दुकान खुलने का स्थानीय महिलाओं ने विरोध करते हुए स्टॉल में रखी शराब की कई बोतलें फोड़ दी, जबकि कुछ युवक शराब की पेटी लूट ले गए।
ऐसा क्या हुआ कि जनता ने लूट ली शराब की बोतलें,ऐसा क्या हुआ कि जनता ने लूट ली शराब की बोतलें
ग्वालियर, अप्रेल का महीना प्रारंभ होते ही प्रदेश में शराब की नई दुकानों की नीलामी की जाती है। उसके बाद कई नई शराब की दुकानें भी खोलने लगती है। जिनका विरोध भी शुरू हो जाता है। ऐसा ही एक मामला शिवपुरी जिले में सामने आया है। यहां शहर के कोतवाली अंतर्गत मंगलवार की शाम फतेहपुर क्षेत्र में कोठी नंबर 28 के सामने नई शराब की दुकान खुलने का स्थानीय महिलाओं ने विरोध करते हुए स्टॉल में रखी शराब की कई बोतलें फोड़ दी, जबकि कुछ युवक शराब की पेटी लूट ले गए। सूचना मिलने पर से मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे-तैसे स्थिति को संभाला। पुलिस का कहना है कि मामले में एफआइआर की जाएगी। इधर मामला पूर्व ठेकेदार से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
फतेहपुर क्षेत्र में कोठी नंबर 28 के सामने एक अप्रेल से नई कलारी खुलने का दौर जारी है। मंगलवार को जैसे ही नए ठेकेदार गगन शिवहरे ने दुकान में करीब 40 पेटी शराब रखी तो वहां पर पहले तो कुछ महिलाएं आ गए और उन्होंने उक्त स्थान पर शराब दुकान खुलने का विरोध किया और आवेश में आकर शराब की बोतलें फोडऩा शुरू कर दी। जबकि कुछ उपद्रवी युवक शराब की पेटी लूटकर ले गए। बताया जा रहा है कि करीब 40 पेटी शराब थी, जिसकी कीमत एक लाख रुपए बताई जा रही है। मामले की सूचना पर से कोतवाली पुलिस व आबकारी की टीम भी पहुंची और जैसे-तैसे मामला संभाला। यहां पर ऐसी चर्चा भी है कि जो पूर्व ठेकेदार था, उसने इस दुकान का ठेका नहीं लिया तो वह कुछ लोगों को भडक़ाकर यह काम करवा रहा है। यहां बता दें कि दो दिन पहले नए ठेकेदार व उसके लोगों के साथ पुराने ठेकेदार के लोगों ने मारपीट भी कर दी थी। पीडि़त ठेकेदार ने मामले में कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले में एफआइआर करने की बात बोल रही है।
विरोध करने के कई तरीके शांतिपूर्वक होते हंै। शराब की बोतलें फोडऩा या लूटकर ले जाना यह तरीका सही नहीं है। विरोध करने के लिए ज्ञापन या शांतिपूर्वक धरना तो समझ में आता है। ठेकेदार ने शिकायत की है। हम मामले में कार्रवाई कर रहे हंै।
– सुनील खेमरिया, टीआई, कोतवाली।