scriptइटावा में दुबका मिला करोडों का गेंहू चुराने वाला ट््रांसपोर्टर | wheat stealer transporter of the crores of crocodiles in Etawah | Patrika News

इटावा में दुबका मिला करोडों का गेंहू चुराने वाला ट््रांसपोर्टर

locationग्वालियरPublished: Dec 27, 2020 11:36:56 pm

Submitted by:

Puneet Shriwastav

क्राइम ब्रांच की टीम ने पकडा कल पकडा गया ट््रांसपोर्टर भांजे को बता रहा मास्टरमाइंडबैंक खातों से लेकर, कमीशन और गेहंू चुराने के तरीकों पर पूछताछ

Mastermind telling the transporter nephew caught yesterday

इटावा में दुबका मिला करोडों का गेंहू चुराने वाला ट््रांसपोर्टर

ग्वालियर। गरीबों को मुहैया कराए जाने वाला दूसरा ट््रांसपोर्टर राहुल अग्रवाल भी रविवार को पकडा गया। उसे क्राइम ब्रांच ने इटावा, यूपी से राउंडअप किया है।

मामा मुन्नालाल के शनिवार को पकडे जाने के बाद लगभग तय हो गया था कि भांजा राहुल भी पुलिस के सामने आ जाएगा। उसे क्राइम ब्रांच की टीम इटावा से लेकर ग्वालियर के लिए रवाना हो गई है।
उधर करोडों की गेहूं चोरी में पकडा गया ट््रांसपोर्टर मुन्नालाल अग्रवाल खुद बेकसूर बता रहा है। उसकी दलील है धंधे का मास्टरमाइंड भांजा राहुल अग्रवाल है। उसे तो मोहरा बनाया गया।

क्योंकि ट्रांसपोर्ट उसके ही नाम रजिस्टर्ड है। इसलिए वह फंस गया। वह लगातार खुद को हार्ट पेशेंट बताकर पूछताछ से बचने की कोशिश भी कर रहा है।
रविवार को पुलिस ने मुन्नालाल को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड मांगी थी। लेकिन अदालत ने सिर्फ एक दिन की रिमांड दी। अब 24 घंटे में मुन्नालाल का मुंह खुलवाना है। राहुल के पकडे जाने पर पुलिस अब मामा भांजे का आमना- सामना कराएगी।
पुलिस ने बताया करीब 3 करोड 7 लाख रू कीमत का गेंहू चोरी करने वाला मुन्नालाल और उसका भांजा राहुल अग्रवाल दोनों धर गए हैं। मुन्नालाल तो शनिवार को गोपालपुरा, मुरेना में दुबका मिला था।
उसने इनपुट दिया था कि राहुल इटावा में हो सकता है। उसके बताए ठिकाने पर दविश के लिए पुलिस ने रविवार को इटावा में दविश दी। राहुल वहां मिल गया।

अब मुन्नालाल और उसका भांजा राहुल खुलासा करेंगे कि गरीबों को बांटा जाने वाला करोडों का गेंहू कैसे चोरी किया था। इस कमाई में किसका कितना हिस्सा था और कौन लोग और शामिल थे।
उनकेबैंक खातों का भी पता लगाया जाएगा। मुन्नालाल ने पकडे जाने के बाद पहली खेप की पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि करोडों का गेंहू अकेले तो डकार नहीं सकता।

उसके साथ भांजे राहुल अग्रवाल के अलावा सरकारी विभागों के कुछ लोग भी शामिल थे। इनसे डील थी कि उनकी तरफ से कार्रवाई नहीं होगी। इसके एवज में सबका हिस्सा फिक्स था। लेकिन शर्त भी थी कि उनका नाम सामने नहीं आना चाहिए। वह गुप्त साझेदार रहेंगे।
ट््रक से लेकर हिस्सेदारी का खुलासा
पुलिस का कहना है कि रविवार को मुन्नलाल को कोर्ट में पेश कर एक दिन की रिमाड पर लिया गया है। उससे पूछा जा रहा है सरकारी गोदामों से गरीबों को मुहैया कराने के लिए कितने ट््रक गेहूं ढोहने में लगाए थे।
उनके चालक कोन थे। कितना गेहंू उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचाया, कितना हडपा। इसमें कितना पैसा आया। किसके हिस्से में कितना बंटा।

उसके और राहुल के अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर में कितने लोग फरेब में शामिल है। चोरी का खुलासा होने पर बचने के लिए क्या प्लानिंग की है।
मुझे तो किराया मिलता रहा, भांजे ने किय फरेब
झांसी रोड टीआई पकंज त्यागी का कहना है कि मुन्नलाल निवासी गोपालपुरा , मुरैना एक दलील पर अटका है कि अग्रवाल ट््रांसपोर्ट कागजों में उसके नाम है।
वह खुद तो हस्ताक्षर करना तक नहीं जानता भांजे राहुल की फर्म ब्लैक लिस्टेड हुई तो उसके ट््रकों और फर्म भांजा इस्तेमाल करता रहा। इसके एवज में उसे हर महीना किराया देता था।

वह क्या काला पीला करता था उसे ज्यादा कुछ पता नहीं है। लेकिन उसकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। मुन्नालाल से सिर्फ दो सवालों के जवाब चाहिए कि गरीबों का गेहूं चुराने का तरीका क्या था। इसमें कौन कौन लोग शमिल थे।
क्योंकि तकनीकि तौर पर मुन्नालाल इस कारोबार की अहम कडी है। पुलिस की थ्योरी में मुन्नालाल को गेहूं चोरी के सभी राज पता है। इसलिए सोमवार को उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड बढाने का आवेदन दिया जाएगा।
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