जीएसटी कम होने के बाद ये हुए दाम
– ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन बी पहले 6890 रुपए एमआरपी थी। इस पर 5 फीसदी जीएसटी हटने के बाद अब ग्राहक को 6490 रुपए की मिल रही है।
– टोसीलिजुमैब पर भी 5 फीसदी जीएसटी हटने के बाद जो दवा 40500 रुपए की मिलती थी, अब 38500 रुपए की मिल रही है।
– रेमडेसिविर इंजेक्शन पर 12 फीसदी जीएसटी से घटाकर 5 फीसदी करने के बाद अब 2100 रुपए वाला इंजेक्शन 1900 रुपए का मिल रहा है।
– ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर 12 फीसदी जीएसटी से घटाकर 5 फीसदी करने के बाद 5 लीटर वाला ब्रांडेड कंपनी का ऑक्सीजन कंसट्रेटर जो 45 से 50 हजार रुपए कीमत का था, अब 4 हजार रुपए कम में मिल रहा है।
– बाइपेप मशीन पर जीएसटी 12 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद 50 हजार रुपए कीमत वाली मशीन पर 5 हजार रुपए कम हो गए हैं।
– पल्स ऑक्सीमीटर पर जीएसटी 12 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद
अब 1200-1500 रुपए वाले ब्रांडेड पल्स ऑक्सीमीटर पर 150-200 रुपए कम हो गए हैं।
– हैंड सेनिटाइजर पर जीएसटी 18 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद
पांच लीटर वाली 500 रुपए की केन अब 400 रुपए में मिल रही है।
– थर्मामीटर पर जीएसटी 18 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद अब 150 रुपए तक के ब्रांडेड थर्मामीटर 100-120 रुपए में मिल रहे हैं।
– ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन बी पहले 6890 रुपए एमआरपी थी। इस पर 5 फीसदी जीएसटी हटने के बाद अब ग्राहक को 6490 रुपए की मिल रही है।
– टोसीलिजुमैब पर भी 5 फीसदी जीएसटी हटने के बाद जो दवा 40500 रुपए की मिलती थी, अब 38500 रुपए की मिल रही है।
– रेमडेसिविर इंजेक्शन पर 12 फीसदी जीएसटी से घटाकर 5 फीसदी करने के बाद अब 2100 रुपए वाला इंजेक्शन 1900 रुपए का मिल रहा है।
– ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर 12 फीसदी जीएसटी से घटाकर 5 फीसदी करने के बाद 5 लीटर वाला ब्रांडेड कंपनी का ऑक्सीजन कंसट्रेटर जो 45 से 50 हजार रुपए कीमत का था, अब 4 हजार रुपए कम में मिल रहा है।
– बाइपेप मशीन पर जीएसटी 12 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद 50 हजार रुपए कीमत वाली मशीन पर 5 हजार रुपए कम हो गए हैं।
– पल्स ऑक्सीमीटर पर जीएसटी 12 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद
अब 1200-1500 रुपए वाले ब्रांडेड पल्स ऑक्सीमीटर पर 150-200 रुपए कम हो गए हैं।
– हैंड सेनिटाइजर पर जीएसटी 18 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद
पांच लीटर वाली 500 रुपए की केन अब 400 रुपए में मिल रही है।
– थर्मामीटर पर जीएसटी 18 फीसदी से 5 फीसदी होने के बाद अब 150 रुपए तक के ब्रांडेड थर्मामीटर 100-120 रुपए में मिल रहे हैं।
दुकानों में भरपूर स्टॉक, पर कम हो गई खरीदी
कोरोना संक्रमण काल में कोरोना की दवाओं और मेडिकल उपकरणों की जमकर बिक्री हुई है। इन दिनों भले ही कोरोना का असर कम हो गया हो लेकिन दुकानदारों के पास इनका भरपूर स्टॉक मौजूद है। हालांकि लोग अब इन्हें कम ही खरीद रहे हैं क्योंकि हर घर में ये मौजूद हैं।
कोरोना संक्रमण काल में कोरोना की दवाओं और मेडिकल उपकरणों की जमकर बिक्री हुई है। इन दिनों भले ही कोरोना का असर कम हो गया हो लेकिन दुकानदारों के पास इनका भरपूर स्टॉक मौजूद है। हालांकि लोग अब इन्हें कम ही खरीद रहे हैं क्योंकि हर घर में ये मौजूद हैं।
इनवाइस पर टैक्स कम होकर आ रहा माल
कोरोना दवाओं और मेडिकल उपकरणों के थोक कारोबारी मनोज भटीजा और सुरेश डावानी ने बताया कि 17-18 जून के बाद आने वाला सारा माल जीएसटी कम होकर आ रहा है। अब सारे इनवाइस पर टैक्स कम होकर आ रहा है। इन दिनों सभी सामानों की बिक्री ना के बराबर रह गई है। पिछले महीने तक इनकी बिक्री 100 फीसदी हो रही थी, अब सिर्फ दस फीसदी ही रह गयी है। बिक्री कम होने का असर भी रेट पर पड़ रहा है। वहीं दुकानों में माल का स्टॉक भरपूर है।
कोरोना दवाओं और मेडिकल उपकरणों के थोक कारोबारी मनोज भटीजा और सुरेश डावानी ने बताया कि 17-18 जून के बाद आने वाला सारा माल जीएसटी कम होकर आ रहा है। अब सारे इनवाइस पर टैक्स कम होकर आ रहा है। इन दिनों सभी सामानों की बिक्री ना के बराबर रह गई है। पिछले महीने तक इनकी बिक्री 100 फीसदी हो रही थी, अब सिर्फ दस फीसदी ही रह गयी है। बिक्री कम होने का असर भी रेट पर पड़ रहा है। वहीं दुकानों में माल का स्टॉक भरपूर है।