नगर निगम के अधिकारी सिर्फ उन्हीं स्थानों पर फोगिंग मशीन भेजते हैं, जहां वीआइपी लोग रहते हैं। शाम को गांधी रोड, मेला रोड के अलावा चुनिंदा लोगों के घर पर फोगिंग हो जाती है, लेकिन अधिकारियों को आम लोगों की चिंता नहीं है।
नगर निगम के पास 25 फोगिंग मशीन हैं, लेकिन फील्ड में हर दिन 20 मशीनें ही बमुश्किल दिखाई देती हैं। निगम के जिम्मेदारी अधिकारी एक फोगिंग मशीन पर 5 लीटर डीजल और एक लीटर पेट्रोल देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत अलग है। शाम को अंधेरे में होने वाली फोगिंग कुछ ही स्थानों पर होती है।
2018 में ग्वालियर जिले में 1199 मरीज डेंगू से पीडि़त हुए थे। जिसमें शहर में सबसे ज्यादा दीनदयाल नगर में 120 से ज्यादा मरीज मिले थे। वहीं नाका चंद्रबदनी में 35, सिकंदर कंपू में 65, इसके अलावा ललितपुर कॉलोनी और थाटीपुर में भी डेंगू से लोग पीडि़त हुए थे। इन क्षेत्रों में फोगिंग नहीं हो रही, जिससे मच्छर बढ़ रहे हैं।
फोगिंग होती नहीं देखी फोगिंग के बारे में सुना है, लेकिन हमारे क्षेत्र में लंबे समय से नहीं देखी है। गंदगी इतनी रहती है कि मुश्किल हो रही है।
– अनिल तिवारी, गुढ़ा गुड़ी का नाका
योगेश शुक्ला, आपागंज निगम को पत्र लिखा है
सफाई के लिए हमने भी नगर निगम को पत्र लिखा है। अगर कचरे के ढेर नहीं उठे तो कई तरह की बीमारियां फैलने का डर है। वहीं फोगिंग को लेकर भी कई जगह से शिकायतें आ रही हैं।
मनोज पाटीदार, मलेरिया अधिकारी