जेयू की रिसर्चर दीपा द्वारा सफेद राजमा पर चार साल तक शोध किया गया। उन्होंने चूहे के अलग-अलग अंगों पर पहले कैंसर पैदा करने वाला तत्व डाला, जब कोशिकाओं पर कैंसर (cancer) का असर दिखने लगा तो उन पर सफेद राजमा से बनी दवा इंजेक्ट कराई गई। इसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए। उन कोशिकाओं से कैंसर के तत्व समाप्त होते चले गए और वे सेल्स फिर से स्वस्थ हो गईं। इसका सबसे ज्यादा सकारात्मक असर लीवर पर देखने को मिला। दूसरी खास बात यह रही कि सफेद राजमा पर किए गए प्रयोग का कोई साइड इफेक्ट नहीं आया। जेयू की रिसर्चर दीपा के इस शोध को नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजिकल इन्फॉर्मेशन अमेरिका ने भी प्रामणित माना है और इस शोध के लिए नई जीन आइडी भी दी है।
हकीम ने कहा – हनुमानजी ने मेरी इच्छा की पूरी, मुझे मिला सौभाग्य रामायण पाठ कराने का
पैटेंट के लिए भेजा
यह शोध पैटेंट के लिए भारत सरकार के इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट ऑफिस में जेयू द्वारा सबमिट किया जा चुका है। यह शोध यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में किया गया। इसमें उनकी को गाइड डॉ.नलिनी श्रीवास्तव रहीं। साथ ही डॉ.प्रेमलता शेट्टी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कई अवार्ड मिले
यूनिवर्सिटी की रिसर्चर दीपा यादव द्वारा लीवर कैंसर ( Liver Cancer) की रोकथाम पर राजमा को लेकर किए रिसर्च के बेहतर परिणाम मिले हैं। इसके लिए उन्हें कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें मप्र सरकार द्वारा यंग साइंटिस्ट अवार्ड और पीडी शेट्टी मेमोरियल अवार्ड मुंबई शामिल हैं।
डॉ.शांतिदेव सिसोदिया, पीआरओ, जेयू