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कौन बढ़ा है प्रसूताओं की परेशानी?

locationग्वालियरPublished: Oct 01, 2019 07:36:31 pm

घर से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए फ्री एंबुलेंस व बच्चे के अस्पताल में जन्म लेने के बाद उनके पौष्टिक आहार देने के लिए बजट तक प्रस्तावित किया है। मगर कुछ जिला स्तरीय अस्पताल इन सुविधाओं को प्रसूताओं को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।

कौन बढ़ा है प्रसूताओं की परेशानी?

कौन बढ़ा है प्रसूताओं की परेशानी?

ग्वालियर. प्रदेश सरकार ने प्रसूताओं की सुविधाओं के लिए उच्च स्तरीय योजना बनाई हैं। घर से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए फ्री एंबुलेंस व बच्चे के अस्पताल में जन्म लेने के बाद उनके पौष्टिक आहार देने के लिए बजट तक प्रस्तावित किया है। मगर कुछ जिला स्तरीय अस्पताल इन सुविधाओं को प्रसूताओं को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। नवजात बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए अस्पताल परिसर में साफ-सफाई रखने के आदेश दिए हैं। लेकिन इन असुविधाओं से ग्रस्त एक अस्पताल बिरला नगर स्थित प्रसूति गृह है। यहां तक पहुंचने में प्रसूताओं को काफी दिक्कतें आ रही है। प्रसूति गृह परिसर में कीचड़ और गीली मिट्टी जमा हो गई है। उपनगर ग्वालियर स्थित प्रसूति गृह में उपनगर ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के काफी मात्रा में यहां पर मरीज पहुंचते है। पिछले एक महीने से ज्यादा समय से यहां आने वाली महिलाएं इस समस्या से परेशान हो रही है। इस प्रसूतिगृह में प्रसूताओं को भर्ती की सुविधा के साथ कई तरह की जांच भी की जाती है। इसमें महिलाओं का अल्ट्रासाउंड के साथ चैकअप भी डॉक्टरों द्वारा किया जाता है। ऐसे में हर दिन कई महिलाएं चैकअप कराने के साथ जांच कराने के लिए आती है।
प्रसतिगृह में उपनगर ग्वालियर क्षेत्र की सबसे ज्यादा महिलाएं हजीरा और जेसी मिल क्षेत्र से आती है। प्रसूति गृह में इस समस्या को लेकर कई बार मरीजों के परिजनों ने डॉक्टरों को शिकायत की, लेकिन अभी तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। मरीजों और उनके परिजनों को सबसे ज्यादा रात के समय परेशानी आती है। रात को इस कैंपस में स्ट्रीट लाइट भी बंद रहती है।
इसके चलते गिरते गिराते मरीजों के परिजन यहां पर रात में आ पा रहे है। प्रसूति गृह में प्रतिदिन दस से पन्द्रह महिलाएं भर्ती रहती है। इन सभी महिलाओं के परिजन भी यहां पर दिन और रात को आते जाते है। ऐसे में अब यह समस्या काफी विकराल हो गई है। हजीरा क्षेत्र में एक मात्र प्रसूति गृह बिरला नगर में है। स्वास्थ्य विभाग अगर जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई नहीं करता है तो मरीजों की परेशानी कम नहीं हो सकती है।

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