केंद्रीय मंत्री के बंगले पर लगे फोन के बिल का भुगतान परिवहन विभाग द्वारा कराया जा रहा है।
ग्वालियर। पांच साल पहले गांधी नगर स्थित ए-17 नंबर बगले पर परिवहन विभाग के तात्कालीन अपर आयुक्त उपेंद्र जैन के नाम से टेलीफोन लगाया गया था।
अपर आयुक्त के स्थानांतरण के बाद भी यह टेलीफोन कनेक्शन नहीं कटवाया गया। टेलीफोन का बिल लगातार पांच साल से विभाग भरता रहा। वर्तमान में यह टेलीफोन केंद्रीय मंत्री के बंगले पर लगा है, जिसका बिल का भुगतान परिवहन विभाग द्वारा कराया जा रहा है।
यह खुलासा सूचना अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी में हुआ। राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए। शासकीय सेवा में रहकर किस तरह सरकारी पैसा का दुरूपयोग होता है। इस का जीता जागता उदाहरण है परिवहन विभाग बना है। परिवहन विभाग में अपर आयुक्त जैन के नाम से टेलीफोन कनेक्शन क्रमांक 2233800 को लिया गया था, उनके स्थानांतरण के बाद यह कनेक्शन कटवाया नहीं गया, जिस बंगले में यह टेलीफोन कनेक्शन लगा था उस बंगले में अलग-अगल विभाग के अधिकारी पांच साल में निवासरत रह चुके हैं।
अलग-अगल विभागों के अधिकारी रहने पर परिवहन विभाग की ओर से टेलीफोन बिल को भराया जाता रहा। जबकि नियमानुसार ग्वालियर से अपर आयुक्त जैन के स्थानातंरण के बाद भारमुक्त की कार्रवाई के बाद टेलीफोन कटवाया जाना था, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों ने एेसा नहीं किया उनके नाम से लिए गए कनेक्शन का भुगतान परिवहन विभाग करता चला आ रहा है।
आरटीआई में हुआ खुलासा
आरटीआई कार्यकर्ता एवं व्हिसल ब्लोअर संजय दीक्षित का कहना है, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा लागू की गई जीरो टालरेंस ऑफ करप्शन की अवधारणा का पालन करने हेतु तीन बिन्दुओं पर टेलीफोन संबंधी जानकारी 16 जून 2015 को मांग गई। सूचना समय सीमा में फीस वसूल करने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई। इस संबंध में आयुक्त एवं विभागाध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव के माध्यम से रिमाइंडर के बाद इसके बाद भी जानकारी देने में आनाकानी की गई।