scriptशहर में पार्कों में बदहाली का जिम्मेदार कौन? | Who is responsible for the downfall in the park in the city? | Patrika News

शहर में पार्कों में बदहाली का जिम्मेदार कौन?

locationग्वालियरPublished: Jun 06, 2019 08:28:56 pm

शहर में पार्क को आकर्षक बनाए जाने के लिए लाखों की लागत से लगवाए गए पौधे सूखकर नष्ट हो चुके हैं, साथ ही कई पौधे आज भी सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं।

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शहर में पार्कों में बदहाली का जिम्मेदार कौन?

ग्वालियर. शहर में बने पार्क निगम प्रशासन की लापरवाही और कमजोर निगरानी के कारण बदहाल के शिकार हैं। पार्कों के सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए सरकारों द्वारा फंड की व्यवस्था अलग की जाती है। इसके बावजूद भी पार्कों का कायाकल्प नहीं पा रहा है। जल बिहार स्थित नगर निगम कार्यालय के समीप बना पार्क वर्तमान में बदहाली का शिकार होता जा रहा है। पार्क को आकर्षक बनाए जाने के लिए लाखों की लागत से लगवाए गए पौधे सूखकर नष्ट हो चुके हैं, साथ ही कई पौधे आज भी सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। इसी के साथ ही पार्क में नियमित सफाई नहीं कराए जाने के कारण कचरे के ढेर भी लगते जा रहे हैं। जबकि कुछ माह पूर्व ही पार्क में करोड़ों की लागत से मेंटेनेंस कार्य कराया गया था, इसके बावजूद भी पार्क की देख-रेख के पर्याप्त इंतजाम नहीं कराए जा रहे हैं। वहीं सुरक्षा व्यवस्था के भी इंतजाम नहीं कराए जाने के कारण आसामाजिक तत्वों द्वारा पार्क की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, फिर भी निगम प्रशासन उदासीन बना हुआ है।
जल बिहार स्थित पार्क शहर के बीचों-बीच और निगम कार्यालय के समीप ही बना हुआ है। निगम कार्यालय में अधिकारियों की बैठक भी होती है, लेकिन उनके द्वारा पार्क की बदहाली को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जबकि कुछ माह पहले ही पार्क में लाखों की लागत से हरियाली कराई गई थी। इसके अलावा पार्क को आकर्षक बनाए जाने के लिए नवीन टाइल्सें, फुबारे और लाइटिंग की व्यवस्था भी कराई गई थी। लेकिन निगम प्रशासन द्वारा पार्क की देख-रेख को लेकर कोई इंतजाम नहीं कराए गए, जिस कारण ही पार्क बदहाली का शिकार होता जा रहा है। पार्क शहर के बीचों-बीच होने के कारण सुबह और शाम के समय काफी संख्या में लोगों की भीड़ होती है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नहीं होने के कारण पार्क बदहाली का शिकार होता जा रहा है। पार्क के मेंटेनेंस कार्य के दौरान ही लाखों की लागत से नए पौधे लगवाए गए थे, जिनमें नियमित रूप से पानी देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई गई। हालांकि पार्क में पानी देने और पार्क की देख-रेख के लिए कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं, जिनके द्वारा देख-रेख के नाम पर महज ओपचारिकता पूरी कर ली जाती है, जिस कारण ही पार्क दुर्दशा का शिकार होता जा रहा है। पार्क के बदहाल होने के कारण मेंटेनेंस के नाम पर खर्च की गई करोड़ों की राशि व्यर्थ साबित हुई है।
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