जल बिहार स्थित पार्क शहर के बीचों-बीच और निगम कार्यालय के समीप ही बना हुआ है। निगम कार्यालय में अधिकारियों की बैठक भी होती है, लेकिन उनके द्वारा पार्क की बदहाली को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जबकि कुछ माह पहले ही पार्क में लाखों की लागत से हरियाली कराई गई थी। इसके अलावा पार्क को आकर्षक बनाए जाने के लिए नवीन टाइल्सें, फुबारे और लाइटिंग की व्यवस्था भी कराई गई थी। लेकिन निगम प्रशासन द्वारा पार्क की देख-रेख को लेकर कोई इंतजाम नहीं कराए गए, जिस कारण ही पार्क बदहाली का शिकार होता जा रहा है। पार्क शहर के बीचों-बीच होने के कारण सुबह और शाम के समय काफी संख्या में लोगों की भीड़ होती है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नहीं होने के कारण पार्क बदहाली का शिकार होता जा रहा है। पार्क के मेंटेनेंस कार्य के दौरान ही लाखों की लागत से नए पौधे लगवाए गए थे, जिनमें नियमित रूप से पानी देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई गई। हालांकि पार्क में पानी देने और पार्क की देख-रेख के लिए कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं, जिनके द्वारा देख-रेख के नाम पर महज ओपचारिकता पूरी कर ली जाती है, जिस कारण ही पार्क दुर्दशा का शिकार होता जा रहा है। पार्क के बदहाल होने के कारण मेंटेनेंस के नाम पर खर्च की गई करोड़ों की राशि व्यर्थ साबित हुई है।