क्योंकि मुरार की दो वारदातों का सामान बरामद होने के बाद भी 6 तोला सोना और आधा किलो चांदी बची है। यह गहने किन लोगों के हैं, पुलिस को फिलहाल इन वारदातों का ब्यौरा नहीं मिला है। सवाल उठता है गिरोह ने जिनका गहना चुराया है
उन्होंने शिकायत नहीं की या फिर उनके साथ घटनाओं को सुना नहीं गया। क्योंकि गिरोह तो ठोककर खुलासा कर गया है जो गहना उसके पास मिला है, सब शहर में हीं चुराया है।
मुसाफिर बनकर सवारी वाहनों से लोगों का गहना, पैसा चोरी करने वाली बाबरिया गैंग की 6 महिला मेंबर विमला बाबरिया, तारावती, पूनम, सुमन, पिंकी सभी बाबरिया और लक्ष्मी मोगिंया को जेल भेज दिया है। लेकिन उनके साथी राहुल बाबरिया को तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
मुसाफिर बनकर सवारी वाहनों से लोगों का गहना, पैसा चोरी करने वाली बाबरिया गैंग की 6 महिला मेंबर विमला बाबरिया, तारावती, पूनम, सुमन, पिंकी सभी बाबरिया और लक्ष्मी मोगिंया को जेल भेज दिया है। लेकिन उनके साथी राहुल बाबरिया को तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
जेल जाने से पहले गैंग ने खुलासा किया उनका गांव होडल, हरियाणा से सटा है। उनके अलावा आसपास के कई गांव में यही धंधा होता है। टोलियों में गिरोह रवाना होते हैं। इनमें महिलाएं ज्यादा होती है। इन्हें एक ठिकाने पर ज्यादा वक्त नहीं रोका जाता है।
क्योंकि पहचान होने का खुटका रहता है। उन्हें बदलने के लिए गांव मे महिलाओं की बैकअप टीम रहती है। यहां भी पुलिस ने दविश में 6 महिलाएं राउंडअप की हैं। जबकि इनसे पहले कई बार गिरोह की महिला मेंबर बदल चुकी हैं।
अंचल में कई जगह डेरे
गिरोह ने खुलासा किया ग्वालियर के अलावा अंचल में भी उनकी गैंग के कई डेरे हैं। यहां भी गिरोह किराए के कमरों में ठहरा है। कुछ टोलियों ने मोटा माल कमाया है। उन्होंने आसपास के इलाकों में जमीन, मकान भी खरीद लिए है। वह खुद उस इलाके में वारदातें नहीं करते। अपने ठिकाने गांव से अपराधों के लिए आने वाली टोलियों को ठहराने में इस्तेमाल करते हैं। उसके बदले वारदात में हिस्सा लेेते हैं।
शिकायतें कम, चोरी का गहना ज्यादा कैसे
पुलिस रिकार्ड में संपति संबंधी अपराधों का ग्राफ कम हुआ है, लेकिन बाबरिया गिरोह के एक पार्ट ने उसके सामने सरेआम चुराया 8.5 लाख का सोना रख दिया। अब पुलिस की जिम्मेदारी बरामद सोने, चांदी के गहने उनके मालिक तक पहुंचाना है।
अंचल में कई जगह डेरे
गिरोह ने खुलासा किया ग्वालियर के अलावा अंचल में भी उनकी गैंग के कई डेरे हैं। यहां भी गिरोह किराए के कमरों में ठहरा है। कुछ टोलियों ने मोटा माल कमाया है। उन्होंने आसपास के इलाकों में जमीन, मकान भी खरीद लिए है। वह खुद उस इलाके में वारदातें नहीं करते। अपने ठिकाने गांव से अपराधों के लिए आने वाली टोलियों को ठहराने में इस्तेमाल करते हैं। उसके बदले वारदात में हिस्सा लेेते हैं।
शिकायतें कम, चोरी का गहना ज्यादा कैसे
पुलिस रिकार्ड में संपति संबंधी अपराधों का ग्राफ कम हुआ है, लेकिन बाबरिया गिरोह के एक पार्ट ने उसके सामने सरेआम चुराया 8.5 लाख का सोना रख दिया। अब पुलिस की जिम्मेदारी बरामद सोने, चांदी के गहने उनके मालिक तक पहुंचाना है।
लेकिन सामान किससे, कब और कहां से चुराया यह ब्यौरा थानों में नहीं मिल रहा है। यहां पुलिस उलझन में है। सवाल उठता है बरामद गहने किसके के हैं। आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा है अपराध का ग्राफ कम करने के लिए पीडि़तों की शिकायतें दर्ज नहीं हुई हैं। गिरोह ने मुरार में दो महिलाओं के अलावा फूलबाग पर भी एक वारदात करने की हामी भरी है।
इनका कहना है
गिरोह की महिला सदस्यों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है। पुरूष सदस्य को तीन दिन की रिमांड पर लिया है। गिरोह ने कहां, किसके साथ वारदातें की है। इसका पता लगाया जा रहा है। गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया है गांव से टोलियों में वारदातें करने लिए आते हैं। समय समय पर गैंग की महिला मेंबर को बदला जाता है।
शेलेन्द्र भार्गव मुरार टीआई
इनका कहना है
गिरोह की महिला सदस्यों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है। पुरूष सदस्य को तीन दिन की रिमांड पर लिया है। गिरोह ने कहां, किसके साथ वारदातें की है। इसका पता लगाया जा रहा है। गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया है गांव से टोलियों में वारदातें करने लिए आते हैं। समय समय पर गैंग की महिला मेंबर को बदला जाता है।
शेलेन्द्र भार्गव मुरार टीआई