फोटोग्राफी का केस की विवेचना में क्या महत्व होता है?
किसी भी अपराध का घटना स्थल लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता, वह घटना के कुछ देर बाद खत्म हो जाता है। लेकिन फोटो से घटना स्थल, वही परिस्थिति और साक्ष्य हमेशा सुरक्षित रहता है। जरूरत पडऩे पर केस की विवेचना कर रहे अधिकारी और कई बार कोर्ट भी फोटो से घटना की स्थिति को समझते हैं। उसके आधार पर केस की विवेचना को दिशा भी मिलती है।
फोटो शाखा को किन सुविधाओं, संसाधनों की जरूरत है। उनके बिना क्या परेशानियां आती हैं?
जहां तक संसाधनों की बात है तो विंग के पास हाई क्वालिटी फोटो, वीडियो कैमरे हैं, लेकिन तकनीकी रूप से प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है। फिलहाल पुलिसकर्मियों को ही फोटोग्राफी समझाकर उनसे काम लिया जाता है। लेकिन इसमें तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत है। मुख्यालय स्तर पर फोटोग्राफी में प्रशिक्षित स्टाफ की भर्ती की जाए तो विंग तकनीकी तौर पर और मजबूत होगी।
विंग को किस तरह से हाईटेक किया जा रहा है, इससे क्या फायदा होगा?
फिलहाल फोटो विंग घटनास्थलों पर खींचे गए फोटो को कंम्प्यूटर में सुरक्षित दर्ज रखती है। सीडी, डीवीडी में भी फोटो सुरक्षित रखे जाते हैं। लेकिन अब मुख्यालय स्तर पर ऐप तैयार किया जा रहा है। घटना स्थल से खींचा गया फोटो इस ऐप में लोड करने पर सीधा सर्वर में दर्ज होगा। जरूरत पडऩे पर उसे विवेचक और अदालत में भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
किसी भी अपराध का घटना स्थल लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता, वह घटना के कुछ देर बाद खत्म हो जाता है। लेकिन फोटो से घटना स्थल, वही परिस्थिति और साक्ष्य हमेशा सुरक्षित रहता है। जरूरत पडऩे पर केस की विवेचना कर रहे अधिकारी और कई बार कोर्ट भी फोटो से घटना की स्थिति को समझते हैं। उसके आधार पर केस की विवेचना को दिशा भी मिलती है।
फोटो शाखा को किन सुविधाओं, संसाधनों की जरूरत है। उनके बिना क्या परेशानियां आती हैं?
जहां तक संसाधनों की बात है तो विंग के पास हाई क्वालिटी फोटो, वीडियो कैमरे हैं, लेकिन तकनीकी रूप से प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है। फिलहाल पुलिसकर्मियों को ही फोटोग्राफी समझाकर उनसे काम लिया जाता है। लेकिन इसमें तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत है। मुख्यालय स्तर पर फोटोग्राफी में प्रशिक्षित स्टाफ की भर्ती की जाए तो विंग तकनीकी तौर पर और मजबूत होगी।
विंग को किस तरह से हाईटेक किया जा रहा है, इससे क्या फायदा होगा?
फिलहाल फोटो विंग घटनास्थलों पर खींचे गए फोटो को कंम्प्यूटर में सुरक्षित दर्ज रखती है। सीडी, डीवीडी में भी फोटो सुरक्षित रखे जाते हैं। लेकिन अब मुख्यालय स्तर पर ऐप तैयार किया जा रहा है। घटना स्थल से खींचा गया फोटो इस ऐप में लोड करने पर सीधा सर्वर में दर्ज होगा। जरूरत पडऩे पर उसे विवेचक और अदालत में भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा।