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अवैध तलघरों की तुड़ाई में एकतरफा कार्रवाई क्यों?

locationग्वालियरPublished: Sep 29, 2019 07:39:38 pm

हाईकोर्ट ने नगर निगम को सभी अवैध तलघरों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, इसके बावजूद निगम द्वारा कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है।

अवैध तलघरों की तुड़ाई में एकतरफा कार्रवाई क्यों?

अवैध तलघरों की तुड़ाई में एकतरफा कार्रवाई क्यों?

ग्वालियर. कोर्ट के निर्देश के बाद भी शहर में तलघरों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इन तलघरों को बनाते समय निगम से अनुमति भी नहीं ली गई। हाईकोर्ट ने नगर निगम को सभी अवैध तलघरों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, इसके बावजूद निगम द्वारा कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। किसी को छोड़ दिया जाता है तो किसी पर सिर्फ फौरी तौर पर कार्रवाई की जाती है। जिसके कारण तलघरों में पार्किंग शुरू नहीं हो पाती है। जिन पर निगम ने कार्रवाई भी की है उनमें से भी कई जगहों पर पार्किंग नहीं हो रही है। इस पूरे मामले में पत्रिका एक्सपोज ने सिटी प्लानर नगर निगम प्रदीप वर्मा से बातचीत की।
अवैध तलघरों की संख्या कितनी है?
– 2016 के अनुसार 942 तलघरों की सूची कोर्ट में सौंपी है।
कितने तलघरों पर कार्रवाई की गई है?
– फिलहाल 442 तलघरों पर कार्रवाई होना शेष है। बाकी जगहों पर या तो कार्रवाई हो गई या फिर पार्किंग शुरू करवा दी है।
निगम पर भेदभाव का आरोप लगाया जाता है, एकतरफ से सभी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ?
– अवैध तलघरों की जो सूची हमारे पास है उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। किसी को छोडऩे या फिर कार्रवाई न करने का तो सवाल ही नहीं है। हम सभी पर कार्रवाई कर रहे हैं।
हाई कोर्ट ने प्लानिंग देने के लिए कहा था ?
– हां हमने प्लानिंग तैयार कर ली है और कोर्ट में वह सौंप दी है। इसके अनुसार एक महीने में जिन पर कार्रवाई करेंगे उसकी सूची है।
– सभी तलघरों पर कार्रवाई कब तक पूरी होगी ?
सभी तलघरों में कार्रवाई होने में समय लगेगा। 442 तलघरों पर कार्रवाई में कम से कम 3 महीने से अधिक समय लगेगा।
कोर्ट के यह हैं निर्देश

महापौर और आयुक्त दोनों सामंजस्य के साथ शहर में पार्किंग के लिए कार्य करें। जिन तलघरों में पार्किंग के स्थान पर अन्य उपयोग हो रहा है उन्हें चिन्हित किया जाए और कार्रवाई की जाए। जिन भवनों का निर्माण हो रहा है यदि उनमें मार्जिनल ओपन स्पेस तथा फ्लोर एरियल रेशो नहीं छोडा गया है तो उनके निर्माण पर रोक लगाई जाए। उनसे नियमों का पालन कराया जाए।

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