पुलिस करती कार्रवाई तो बच सकती थी जान
नरेंद्र के परिजन ने बताया कि पुलिस के कार्रवाई नहीं करने से वह काफी परेशान चल रहा था और 10-12 दिन से खाना भी नहीं खा रहा था। परिजन का कहना है कि शिकायत के बाद भी पुलिस उनके पास नहीं पहुंची। अगर पुलिस कार्रवाई करती तो नरेंद्र की जान बच सकती थी।
दो बच्चों की मां है महिला
आवेदन में नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसके दो बच्चे हैं एक बेटा 8 साल का और दूसरा 4 साल का। कई बार बच्चों का हवाला भी दिया, लेकिन वशीर के प्रेम में अंधे होकर उसने किसी की परवाह नहीं की।
पति की सडक़ दुर्घटना में घायल होने के बाद बदला व्यवहार
नरेंद्र ने पुलिस को बताया था कि शादी के 4 साल पहले तक सब ठीक था। लेकिन 2017 में उसका सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया। इस दौरान 20 दिन वह कोमा में भी रहा। उस हादसे के बाद पत्नी के व्यवहार में परिवर्तन आ गया और वह वशीर के संपर्क मे आ गई।